Book Title: Jjagad Guru Aacharya Vijay Hirsuriji Maharaj
Author(s): Rushabhratnavijay
Publisher: Jagadguru Hirsurishwarji Ahimsa Sangathan
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FI55650 အဇာတာအာဏာရရာအကအအအအအအရ
-: प्लीस वन मिनिट :--
जैनाचार्य अकबर प्रतिबोधक जगद्गुरू आचार्यश्री मद् विजय हीरसूरीश्वरजी म. सा. का जीवन सौंदर्य अनुपम गुणगणसमुदाय से निखार पाया हुआ था... जिनका अंतःकरण प्रेम के महासमुद्र की भाँति उछल रहाँ था अपनी अप्रतिम तर्कशैली प्रवचनशैली एवं
संयमजीवन की आचारशुद्धि से जीवदया का महानतम कार्य अकबर शासक के पास साकार करवाया था..
जैनशासन के प्रज्वलित प्रदीप में शासन प्रभावना का स्नेह भरकर उस ज्योत को झगमगाती रखनेवाले सूरीश्वरजी रसनेंद्रिय विजेता भी थे... संयम की सूक्ष्म ताकात के बलसे अमारि का सुंदर पालन करवाया... तो अनेक साधु-साध्वी समुदाय के आप नेता भी थे।
अवनी में खोज करनेवाले विज्ञानी होते है जबकी, अंतर में खोज करनेवाले ज्ञानी होते है.., आप ज्ञान के भंडार तो साथ में निस्पृह शिरोमणी के रूप में भी उभर के बहार प्रकट हुए थे...
आपके शासन समय में जैनधर्म की महती... प्रभावना हुई थी... | स्वको तारने की इच्छा भावना है तो सभी को तारने की इच्छा प्रभावना है । o आप भावना से आगे बढ़ते हुए प्रभावना में जुटे हुए थे... |
आपका व्यक्तित्व विराट - विशाल एवं
विशिष्टधृति संपन्नता युक्त है... । जिसका जिक्र हमें इस प्रस्तुत पुस्तक में जानने को मिलेगा....
मुनिऋषभरत्नविजय
पूज्य हीरसूरिजी का चरित्र-कोबा-कैलाशसागरसूरि । जैन ज्ञानमंदिरसे प्राप्त पुण्यविजयजी कृत पुस्तकसे ।
लिया गया है । जिसके हम आभारी है। బీజేపీ సీనిని సినీ నటి టెన్ టేపథిని
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