Book Title: Jjagad Guru Aacharya Vijay Hirsuriji Maharaj
Author(s): Rushabhratnavijay
Publisher: Jagadguru Hirsurishwarji Ahimsa Sangathan

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Page 62
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir raselas sekammerateamBeam, Demasceram मूर्तिहाल जालोर राजस्थान तपावास में नेमिनाथजी के मंदिर से श्री जगद्गुर स्थापना मंत्र (१) आह्वान मंत्र (आह्वान मुद्रा करके बोले) ॐ हीं श्रीं अहँ युगप्रधान भट्टारक श्री हीरविजयसूरि जगद् गुरो ! अत्र अवतर अवतर स्वाहा । स्थापना मंत्र (स्थापनामुद्रा करके बोले) ॐ हीं श्रीं अहँ युगप्रधान भट्टारक श्री हीरविजयसूरि जगद् गुरू ! अत्र तिष्ठः तिष्ठः ठः ठः ठः स्वाहा । सन्निधि करण मंत्र - ॐ हीं श्रीं अहँ युगप्रधान भट्टारक श्री हीरविजयसूरि जगद्गुरू मम सन्निहितो भव भव वषट् स्वाहा । जगद्गुर की अष्ट प्रकारी पूजा की सामग्री (१) पंचामृत कलश (२) केशर चंदन (३) फूल, फूलमाला (४) धूप (५) दीपक (६) अक्षत (७) नैवेध (८) फल Nenas, mexas, semasaxoruyaoXoX23/%25C3% 47 For Private and Personal Use Only

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