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तमाशा
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सुनने पर लोगों को, मानों जो चाहते थे, वह मिल जाता है, और वह खुश होते हुए चले जाते है। ___ यह तमाशा आप जब चाहे देख सकते हैं। पचास से ऊपर विनोद की आयु पहुँच चुकी है. और वह क्रम उसी नियमित रूप में बराबर जारी है। कोई बालक उसके नहीं हुआ है। प्रवीण के वेतन में खूब तरक्की हो गई है, उसे अब १००) मिलते हैं। बालक के कपड़े हर तीसरे रोज धोये जाते हैं। स्वच्छ वायु और स्वच्छ वस्त्र के सम्बन्ध में बाबू जी की कड़ी ताक़ीद है। ___ आपको यदि इस तमाशे के आदमी का तमाशा देखने का
आग्रह हो, और आप हमारे पास आने का अनुग्रह कर सकें, तो साथ ले जाकर आपको यह सब दिखाने में हमें कोई आपत्ति न होगी। आपकी खातिर हम यह कष्ट उठा लेंगे।