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थोकडा संग्रह।
३ त्री-इन्द्रिय, ४ चौरिन्द्रिय, ५ नारकी, ६ तियञ्च, ७ मनुष्य, ८ भवनपति, ६ वाणव्यन्तर १० ज्योतिषी, ११ वैमानिक ।
जीव के बारह भेद-१ पृथ्वी काय, २ अप काय, ३ तेजस्काय, ४ वायु काय, ५ वनस्पति काय, ६ त्रस काय, इन छः का अपर्याप्ता व पयोप्ता ये १२ ।
जीव के तेरह भेद-१ कृष्ण लेश्यी, २ नील लेश्यी, ३ कापोत लेश्यी, ४ तेजो लेश्यी, ५ पद्म लेश्यी, ६ शुक्ल लेश्यी, इन छ: का अपर्याप्ता व पर्याप्ता ये बारह और १ अलेश्यी एवं १३।। ___जीव के चौदह भेद-१ सूक्ष्म एकेन्द्रिय का अपर्याप्त, २ सूक्ष्म एकेन्द्रिय का पर्याप्ता, ३ बादर एकेन्द्रिय का अपर्याप्ता, ४ बादर एकेन्द्रिय का पर्याप्ता, ५ बेइन्द्रिय का अपर्याप्ता, ६ बेइन्द्रिय का पर्याप्ता, ७ त्रीइन्द्रिय का अपर्याप्ता, ८ त्री-इन्द्रिय का पर्याप्ता, ह चौरिन्द्रिय का अपर्याप्ता, १० चौरिन्द्रिय का पर्याप्ता, ११ असंज्ञी पश्चेन्द्रिय का अपर्याप्ता, १२ असंही पञ्चेन्द्रिय का पर्याप्ता, १३ संज्ञी पञ्चेन्द्रिय का अपर्याप्ता, १४ संज्ञी पञ्चेन्द्रिय का पर्याप्ता।
विस्तार नय से जीव के ५६३ भेदः१ नारकी के चौदह भेद, २ तिर्यश्च के अड़तालीस,
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