Book Title: Jain Tattvagyan Ki Ruprekha
Author(s): Devendramuni
Publisher: Tarak Guru Jain Granthalay

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Page 7
________________ प्राक्कथन ऋते ज्ञानान्नमुक्ति :-ज्ञान के बिना मुक्ति नहीं, यह शाश्वत सिद्धान्त है। भगवान महावीर ने कहा नादंसणिस्स नाणं नाणेण बिना न हुति चरण गुणा । सम्यग् श्रद्धा के विना ज्ञान नहीं और ज्ञान के बिना चारित्र आदि गुण नहीं । गुण के बिना मोक्ष नहीं। अतः मोक्ष या मुक्ति का मुख्य साधन ज्ञान __ जैन तत्त्व ज्ञान संसार के सभी तत्त्व ज्ञानों में अपना विशिष्ट स्थान रखता है। इसकी रूपरेखा पूर्णत: युक्तिसंगत और विज्ञान सम्मत है । आज के

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