Book Title: Jain Tattvagyan Ki Ruprekha
Author(s): Devendramuni
Publisher: Tarak Guru Jain Granthalay

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Page 29
________________ बादल इधर से उधर न जा सकेंगे, उनका निर्माण ही न होगा। ___एटम में जो न्यूट्रान के चारों ओर इलेक्ट्रान और प्रोट्रान अत्यन्त तीव्रगति के चक्कर लगा रहे हैं, वे वहीं के वहीं स्थिर हो जायेंगे, तत्वों में परिवर्तन न हो सकेगा तो उनकी संरचना गड़बड़ा जायेगी । एरोप्लेन, ट्रेन, कार आदि सभी स्थिर हो जायेंगे। यहाँ तक कि मानव की पलकें खुली होंगी तो खुली ही रह जायेंगी और बंद होंगी तो हमेशा बन्द ही रहेंगी। इस प्रकार सारी सृष्टि ही जड़ (Stand still) हो जायेगी। ____ और अधर्मद्रव्य न हो तो इससे विपरीत स्थिति होगी, संसार की कोई भी वस्तु स्थिर न होगी, भागती ही रहेगी। ____ दोनों ही स्थितियों के परिणाम भयावह होंगे। अतः यह दोनों द्रव्य सृष्टि का संतुलन बनाये हुए ( २० )

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