Book Title: Jain Sanskruti Ka Itihas Evam Darshan
Author(s): Minakshi Daga
Publisher: Rajasthani Granthagar

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Page 10
________________ 5. मूर्त व अमूर्त का संबंध 6. कर्म व उसका फल 7. ईश्वर और कर्मवाद 8. कर्म बंध 9. कर्म भेद (अष्ट कर्म) 10. कर्म बंध के कारण 11. कर्म विपाक के आधार 12. कर्म बन्धन से मुक्ति का उपाय 13. कर्मवाद एक अपूर्व देन II. अनेकान्तवाद 1. स्याद्वाद विशिष्ट भाषा पद्धति 2. एकान्तवाद की स्थिति 3. अन्य दर्शनों पर अनेकान्त का प्रभाव 4. एकान्तवाद बनाम अनेकान्तवाद 5. सप्तभंगीनय 6. स्याद्वाद संशयवाद नहीं है संदर्भ सूची चतुर्थ अध्याय : ज्ञान मीमांसा 1. प्रमाण 2. ज्ञान मीमांसा का प्रमाण मीमांसा से स्वातंत्र्य 3. ज्ञान के विकास की भूमिकाएँ 4. जैन आगमों में प्रमाण चर्चा 5. प्रामाण्यवाद 6. अयथार्थ ज्ञान 7. प्रमाण विवेचन 1. प्रत्यक्ष प्रमाण 2. परोक्ष प्रमाण 1. अनुमान 2. औपम्य प्रमाण 3. आगम प्रमाण 8. नयवाद संदर्भ सूची 251

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