Book Title: Jain Sanskruti Ka Itihas Evam Darshan
Author(s): Minakshi Daga
Publisher: Rajasthani Granthagar

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Page 9
________________ अनुक्रमणिका 11 प्रथम अध्याय : जैन धर्म, दर्शन एवं संस्कृति की प्राचीनता साहित्यिक प्रमाण 1. बौद्ध दर्शन के प्रमाण 2. वैदिक दर्शन के प्रमाण 3. जैन दर्शन के प्रमाण 4. चौबीस तीर्थंकरों की परम्परा 5. जैन दर्शन की प्राचीनता पर दार्शनिक व इतिहासविदों के मत पुरातात्त्विक प्रमाण 1. उत्खनन 2. सिक्के 3. अभिलेख 4. स्मारक 5. मूर्तियाँ एवं चित्रकला 6. संदर्भ सूची द्वितीय अध्याय : सामाजिक, राजनैतिक व सांस्कृतिक विकास पर प्रभाव 129 1. सामाजिक विकास में जैन दर्शन का योगदान 2. सांस्कृतिक विकास 3. तीर्थंकरों एवं आचार्यों की गुरु-शिष्य परम्परा 4. राजनैतिक व्यवस्था एवं जैन दर्शन 5. आर्थिक विचार एवं आर्थिक समृद्धि 6. संदर्भ सूची तृतीय अध्याय : जैन दार्शनिक सिद्धान्त I. कर्म-सिद्धान्त 1. कर्म का स्वरूप 2. कर्म के भेद 3. कर्म का अस्तित्व 4. कर्म की पौद्गलिकता 177

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