Book Title: Jain Sanskruti Ka Itihas Evam Darshan
Author(s): Minakshi Daga
Publisher: Rajasthani Granthagar

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Page 1
________________ जैन संस्कृति का इतिहास एवं दर्शन Ja ६मानमादियामयमियोनित नाम जिणीनं निगायक विश्राकाशात्रि maa गादः यातायातमहमणा । तपत्रीयमाणा रायमाणा गनग जीवाजीबा निगम शाम मकिता नाबालिगाम प्रजावा निगम विदा ऊदावा निगामग्रानाव गयामकितनीवा निगम जानानियों sarpara विना निगम व जीवनियामग्राम ग्रहविग्रीवानिशामय हावा निगामादम ॥ मकवा विशदपत्रावर जावानिगाम स्वादमा ਇਸੁ ਅਗਮੁ किर्तानावानिया मरा ਬੈਸਸਾਈਨਸਾਸਤਰਸੇਗ ਸਨ॥ रमफासा aral होम्स बानिगम कितना वा निगामगिदपत्रान मयमसारसमाम्पाबालिगाम सकि निगम आरसमाम्मगनीवानिग मामला बानि र मिह। समारमभाव म्भगनावानिशामया परंपरमि छाममारममा दसगजा वानिगामय्यास कितगत महासंमारममा मित्रता नावान डॉ. मीनाक्षी डागा wwwwwwy

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