Book Title: Jain Sahitya Suchipatra Author(s): Ratnatrayvijay Publisher: Ranjanvijay Jain PustakalayPage 16
________________ ) भा. कि. 60 सं. 60 C onnecommencement नं. नाम .. भा. कि.नं. नाम 37. हैम सं. प्रवेशिका द्वितीया गु. 60/47. सिद्धहेम संस्कृत व्याकरण 38. हैम... प्रवेशिका तृतीया गु. 60/48. पाईअ लच्छी नाममाला 39. हैम सं. प्रवेशिका गाईड-1 गु. 40/49. संस्कृत धातुकोश 40. हैम सं. प्रवेशिका गाईड-2 गु. 40/50. रत्नसंचय प्रकरणम् 41. हैम सं. प्रवेशिका गाईड-3 गु. 40/51. प्रमाण नय तत्त्वालोक 42. भक्ति भावना गु. -52. गुणस्थानक क्रमारोह 43. मंजुल धर्म रसाल गु. -53. जगडू चरित महाकाव्य 44. कुम्मापुत्त चरियम् प्रा. 125|54. भरतेश्वर बाहुबलिः प्रत 45. त्रिषष्ठि चरित्रम् पर्व-1 सं. 60 55. भरतेश्वर बाहुबलिः प्रत 46. पंचप्रतिक्रमण सार्थ 56. सिद्धाचल स्तवना . ...... गु. 10 गु. 75 120 . सं. 120 | 61 ॐ कार सूरि आराधना भवन गोपीपुरा, सुभाषरोड, सुरत-395001 लेखक : आ.वि. श्री यशोविजय सूरीश्वरजी म.सा. आ.वि. श्री मुनिचंद्र सूरीश्वरजी म.सा. नं. नाम भा. कि.नं. नाम भा. कि. 1. साधनापथ - गु. 80/9. रोमे रोमे परम स्पर्श 2. प्रभुनो प्यारो स्पर्श गु. 40|10. परम ! तारा मार्गे 3. प्रवचन अंजन जोसद्गुरु करे गु. 75 11. दरिसण तरसीए 4. ध्यान अने कायोत्सर्ग गु. 75 12. साधना अस्तित्त्वनी भणीनी यात्रा 5. अस्तित्त्व, परोढ . गु. 75|13. रसो वै सः 6. आप ही आप बुझाय गु. 70|14. प्रभुना हस्ताक्षर 7. आत्मानुभूति . गु. 30|15. अनुभूति, आकाश 8. रिषभजिनेश्वर प्रीतम माहरो गु. 40 16. मेरे अवगुण चित्तना धरो - गु. 50 (11mmonsoonshurmercotoon ) | حب و حبه حب في حب فيPage Navigation
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