Book Title: Jain Sahitya Suchipatra Author(s): Ratnatrayvijay Publisher: Ranjanvijay Jain PustakalayPage 52
________________ ಲೂ ber 13161 श्री सुरेन्द्रसूरी जैन तत्त्वज्ञान शाला पटणीनी खडकी, आणंदजी कल्याणजी पेढी सामे, झवेरी वाड, अमदावाद- 1 फोन : (079) 25381642 Bee लेखक : आ. वि. श्री रामसूरिजी म.सा. / आ.वि. श्री जगत् चंद्रसूरिजी म.सा. नाम भा. कि. नं. नाम भा. कि. 1. गुरु राम संस्मरण यात्रा गु. 15 2. क्रिया रत्न समुच्चय गु. 15 गु. 60 गु. 300 15. धर्म - सु-राम- अभय मंजुषा - 1 सं. 60 16. धर्म - सु-राम- अभय मंजुषा - 2 17. धर्म - सु-राम- अभय मंजुषा - 3 18. धर्म-सु-राम- अभय मंजुषा - 4 19. विमल संग्रह: 3. औचित्यनां अजवाला 4. गुण वैभवः परम विभूतिनो गु. 15 गु. 125 गु. 15 गु. 20. प्राचीन स्तवनावली भा. 1 गु. गु. प्रा. 5. गुरु राम संस्मरण रास 6. हैम सं. रुपावलि 4-6-10 गण 7. हैम सं. धातुरुपावलिः भा. 2 8. चतुर्विंशति जिनेन्द्र चरितानि 9. बृहद् योग विधी 10. सम्यग् दर्शन 11. प्रमाण नय तत्त्वालोकालंकारः 12. अध्यात्म कल्पद्रुमः 13. अध्यात्म सारः 14. सुराज नित्य स्मरणिका 137 नाम 1. बृहत् कल्पसूत्रम् भा. 1 2. बृहत् कल्पसूत्रम् भा. 2 3. बृहत् कल्पसूत्रम् भा. 3 47 गु. सं. ಲೂಲೂಲೂ सं. सं. गु. सं.. .ে . सं. 50 70 21. प्राचीन स्तवनावली भा. 2 80 22. सुवर्णाक्षरीय कल्पसूत्रम् 23. उपदेश प्रासादः भा. 1 .- 24. उपदेश प्रासादः भा. 2 525. उपदेश प्रासादः भा. 3 526. उपदेश प्रासादः भा. 4 5 27 यतिश्राद्ध व्रत विधि - श्री जैन आत्मानंद सभा खारगेट - भावनगर (सौ.) 364001 फोन : (0278) 2521698 भा. कि. | नं. सं. 15 4. सं. 20 5. सं. 206. inex CA नाम बृहत् कल्पसूत्रम् भा. 4 बृहत् कल्पसूत्रम् भा. 5 बृहत् कल्पसूत्रम् भा. 6 .ে...েেেেভ ।।। भा. कि. सं. 25 सं. 20 सं. 25Page Navigation
1 ... 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112