Book Title: Jain Sahitya Suchipatra
Author(s): Ratnatrayvijay
Publisher: Ranjanvijay Jain Pustakalay
View full book text
________________
150
450
200
150
145
Connoconomenomenomonomy) नं. पुस्तक नाम
कर्ता
किंमत | भाषा 64. श्रीकर भाष्यम् (वेदान्त सूत्र) 1-2 सी. हरवदन राव 1500 65. श्रीमद् ब्रह्म सूत्राणु भाष्यम् 1-4 महाप्रभुवल्लभाचार्य 3700
(रश्मि टीकासह) 66. वैदिक गणित
भारती कृष्ण तीर्थ 67. गौतम धर्मसूत्र (मिताक्षरवृत्ति)
डॉ. महेन्द्रकुमार 68. संस्कृते एक पंचाशत् कथाः
प्रा. मिहिर उपाध्याय 69. ब्रह्मसूत्र शांकरभाष् (रत्नप्रभा हि. टीका) 1-3 | गोपीनाथ कविराज 70. भारतीय दर्शनो
सी.वी. रावल 71. अवैदिक दर्शनो
सी.वी. रावल 72. आचार्योनुं तत्वचिंतन
सी.वी. रावल 73. प्रस्थानत्रयी (वेद उपनिषद् भगवतगीता) सी.वी. रावल 74. काव्यानुशासन (अलंकार चूडामणि वृत्ति) डॉ. अमृत उपाध्याय 75. महीम भट्टनो अनुमति सिद्धान्त डॉ. अरुणा पटेल 76. अन्वीक्षा (साहित्यीका काव्य शास्त्रीलेख) | डॉ. अरुणा पटेल , 77. पाणीनीय व्याकरण परंपरामां कारकमीमांसा | डॉ. कमलेश चोकसी . 78. भिन्नरुची (अभ्यासलेखो)
डां. आर.पी. महेता 79. विविधा (अभ्यास लेखो)
डॉ. आर.पी. महेता । 1000 80. भामटकृत-काव्यालंकार एक अध्ययन डॉ. योगीनी व्यास' 81. पाणीनीय व्याकरणशास्त्रनी तन्त्रगत व्यवस्था ओ- विवेचनात्मक अध्ययन
.डा. कालिन्दी पाठक | 82. दंडी अने वामन
जयानंद दवे 95 | गु. 83. लेख मंजूषा
डॉ. जी.एस. शाह 84. योगविद्या
भाणदेव 85. उपनिषदोनुं अमृत 86. वेदमीमांसा
डां. प्रज्ञा जोषी 87. परिशीलन (अभ्यास लेखो)
डां. प्रज्ञा जोषी 88. त्रिदल (अभ्यास लेखो)
| डां. आर.पी. महेता (ROORoomeromoooominen(84
80
170
200 |
गु.
600
ouriग.
h
योगेश्वर
Page Navigation
1 ... 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112