Book Title: Jain Sahitya Suchipatra Author(s): Ratnatrayvijay Publisher: Ranjanvijay Jain PustakalayPage 72
________________ नं. नाम 47. शंखेश्वरनां शरणे 48. गरवी गाथा गिरनारनी 49. ज्योतिर्धाम रामनाम 50. श्री हरिभद्र सूरिजी 51. नल दमयंति 52. पोंढेला पथिकने 53. आजनो बाल कालनो रखवाल 54. रक्षणहार एक नवकार 55. संस्कृतिनो सिंहनाद 56. बलिदान बोले छे 57. कर्तव्य काजे कुरबानी • 58. ज्योत जलावीए जैनात्वनी 59. महिमा मिच्छामिदुक्कडमनो 60. अमर यात्रिको 61. इतिहासनी सुवास 62. प्रसंगनां रंग तरंग 63: हंसा ! चरो मोतीनो चारो 64. स्वातिना मोती 65. आंखो खोली आगमे 66. प्रभाव पर्युषणनो 67. अंतरनी अमीरी 68. कल्याणनां किनारें 69: रोजनाशीनी रोशनी 70. खजानो खुमारीने खमीरीनो 71. मोतीनी माला 72. महावीरप्रभुनां दस महाश्रावको 73. सत्व अने समर्पण . 74. सुख दुःखनी घटमाल 75. आर्यवर्तनी अस्मिता 67 भा. कि. नं. गु. गु. गु. गु. गु. गु. गु. गु. गु. गु. شب شب احب احب احب حب اشباه الحب حب حب احب الحب احب احب احب اب الحب الحب الحب गु. गु. गु. गु. गु. गु. गु. गु. गु. गु. 10 95. अमर उपाध्यायजी गु. गु. गु. गु. गु. गु. नाम 10 76. काव्योपदेश 1077. हुँनी हारमाला 1078. धर्म ध्वजनां धारको 1079. संघर्षमां हर्ष 10 80. जीवदया काजे जंग 10 81. सौभाग्य नो सूरज 10 82. महासती मृगावती 10 83. रामने प्रणाम गु. गु. 10 84. मुनिने मार्गदर्शन 10 85. कल्याणनुं गान 10 86. चोवीश तीर्थंकर 10 87. महाराजा खारवेल 1088 इर्षानां इंधण 10 89. भगवान श्री शांतिनाथ 10 90. घरघरनी कथा-व्यथा * 10 91. कल्याण प्रति प्रयाण 10 92. दिलनां दरिये भावनानी भरती 10 93. संस्कृतिनां सपूतो 10 94. महेंकती मर्दानगी 1096. मुक्तिनो मारग मीठो 20 97. मर्दानगी महेफील 20 98. शब्दात्म शालीभद्रनी 99 पेटी 20 99. मनना मोड़ अजोड़ 20 100. शोर्यनो शंखनाद 20 101. मन साथे मैत्री 20 102. जवांमर्दी 20 103. मन साथे मुलाकात 20 104. जीवननी जडीबुट्टी 鸡蛋 भा. कि. गु. 20 गु. 20 गु. 20 गु. 20. गु. 20 गु. 20 गु. 30 गु. 150 गु. 20 गु. 20 गु. 50 गु. 50 गु. 40 गु. 20 गु. 20 गु. 20 गु. 20 गु. 20 गु. 20 गु. 20 गु. 20 गु. 20 गु. 20 गु. 20 गु. 20 गु. 20 गु. 20 गु. 20 गु. 20Page Navigation
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