Book Title: Jain Sahitya Suchipatra
Author(s): Ratnatrayvijay
Publisher: Ranjanvijay Jain Pustakalay

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Page 70
________________ 4. 4.4.4. .. (Remonsoomsonumentrasomo) नं. नाम .. भा. कि.नं. नाम भा. कि. 11. प्रासाद तिलक सं. -32. सिद्धहेम बृहद्धवृत्ति बृहन्न्यास अ.1 सं. - 12. काश्य शिल्पम् सं. -33. सिद्धहेम बृहद्धवृत्ति बृहन्न्यास अ.2 सं. - 13. प्रासाद मंजरी ___-/34. सिद्धहेम बृहद्धवृत्ति बृहन्न्यास अ.3 सं. - 14. राजवल्लभ याने शिल्पशास्त्र ___ -35. सिद्धहेम बृहद्धवृत्ति बृहन्न्यास अ.4 सं. 15, शिल्पदीपक __- 36. सिद्धहेम बृहद्धवृत्ति बृहन्न्यास अ.5 सं. 16. वास्तुसार. ___-|37. वास्तु निघंटु 17. दीपार्णव उत्तरार्ध ___ - 38: तिलक मंजरी भा.1 18. जिनप्रासाद मार्तण्ड ___-39. तिलक मंजरी भा.2 19. जैन ग्रंथावली गु. -40. तिलक मंजरी भा.3 20. हीरकलश जैन ज्योतिष गु. -41. सप्तसंधान महाकाव्यम् 21. न्याय प्रवेश भा.1 . सं. . -42. सप्तभंगी मीमांसा 22. दीपार्णव पूर्वार्ध - -43. न्यायावतारः 23. अनेकान्त जयपताका भा.। सं. -44. व्युत्पत्तिवाद गूढार्थतत्त्वालोक . सं. 24. अनेकान्त जयपताका भा.2 सं. -45. सामान्य नियुक्ति गूढार्थतत्त्वालोक सं. - 25. प्राकृत व्याकरण भाषांतर गु, -46. सप्तभंगी नय प्रदीप प्रकरणम् सं.. 26. तत् पोपप्लव सिहः सं. - - |47. व्युत्पत्तिवाद शास्त्रार्थ कलाटीका सं. 27. शक्ति वादादर्शः सं. - 48. नयोपदेश तरंगी तरणी भा.1 28. क्षीरार्णवः सं. -49. नयोपदेश तरंगी तरणी भा.2 29. वेधः वास्तु प्रभाकरः सं. -50. न्याय समुच्चय . 30. शिल्प रत्नाकरः . हि. -51. स्याद्यार्थ प्रकाशः 31. प्रासादमंडन .. . .. 4. 4. 4. 4. (65_oneracrameneraoraorneroerare )

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