Book Title: Jain Sahitya Suchipatra Author(s): Ratnatrayvijay Publisher: Ranjanvijay Jain PustakalayPage 65
________________ || नाम भा. कि . . ... Cinememorrenomenorrening) 1651 श्री जिनाज्ञा प्रकाशन प्रकाशचंद्र अमृतलाल शाह, "चंपापुरी" नेहरु स्ट्रीट, वापी, जि. वलसाड (गु.)-396191 लेखक : मुनि जयदर्शन विजय भा. कि.नं. नाम 1. सूर्य जेवा तेजस्वी गु. -6. पंचसूत्रम् 2. जीवननां परम सत्यो गु. 2017. मनमां समाधि-जीवनमां शांति 3. शास्त्र मर्यादायै नमः ___ गु. -8. योग शतक सटीक 4. आशार विवेक ___ गु. 20/9. योग द्रष्टि समुच्चय 5. जिनपूजामां आवश्यकशुद्धि गु. -10. योग विंशीका 16 श्री भंद्रकर सूरी स्मारक ट्रस्ट बेरेज रोड, वासणा, अपदावाद-7 लेखक : आ.वि. भद्रंकर सूरिजी / आ.वि. श्री नररत्न सूरिजी भा. कि.नं. नाम । भा. कि. 1. ज्ञानसागर सार्थ गु. -4. पर्युषण पर्वनां व्याख्यानों गु. 100 2. आत्म धर्मनी प्राथमिक योग्यता गु. -5. घूघवता सागरनुं मौन । गु. 500 3. हे प्रभु ! छे मारा भवनी व्यथा गु. -6. धर्मसंग्रह : भा.1 (गु.) 1671 निशिथभाई शांतिलाल ए-501, मंगल सोसायटी, रामनगर देरासर सामे, बोरीवली (वे.) मुंबई फोन : (92/022) - 28061784 लेखक : मुनि पुंडरिक विजय नं. नाम भा. कि.नं. नाम 1. प्रेरणा पीयूष गु. -4. शासन रत्नो 2. प्रबुद्ध तारला गु. -5. पद्म परिमल 3. तेजस्वी तारला गु. - 6. प्रभावक पूज्य पुरुषो BOOTarooraemocracrococodoneneo 60 नं. नाम MARAPage Navigation
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