Book Title: Jain Sahitya Suchipatra Author(s): Ratnatrayvijay Publisher: Ranjanvijay Jain PustakalayPage 63
________________ Crococoomenera na) 59] "अक्षय प्रकाशन" ___204, श्रीपालनगर, 12 हार्कनेस रोड़, वालकेश्वर, मुंबई-6 फोन नं. : (022) 3686402-09 लेखक : गणि मुक्ति सागरजी भा. कि.नं. नाम भा. कि. 1. तेर त्रासवादी गु. -6. सच्चे श्रावक बने । 2. पर्युषणाष्टान्हिका प्रवचन हि. -7. मीत मेरे 3. भक्तियोग भगाये सभी रोग हि. 40/8. मंत्र जपो नवकार 4. बिन नवपद सन सून हि. 50/9. सचित्र महावीर दर्शन 5. पारस तेरे नाम हजार हि. -10. रंग बिरंगे फूल नं. नाम . 60 श्री पार्श्वचंद्रसूरि प्रकाशन दिनेश लखमशी देढिया, अ-5, गणेशकृपा, दूसरामाला, रतनशी हीरजी रोड़, मुलुन्ड (वे.) मुंबई-80 फोन नं. : (022) 25680908 . लेखक : आ.वि. पार्श्वचंद्र सूरि नं. नाम भा. कि. 1. आचारंग सूत्र बालावबोध गु. 100 - हना श्री जीरावला पार्श्वनाथ-२४ तीर्थंकर ट्रस्ट अशोककुमार पोपटलाल A/144, सर्वोत्तम नगर, न्यु रेल्वे को. जवाहर चौक, साबरमती, अमदावाद-51 फोन नं. : (079) 23297383 लेखक : आ.वि. कल्पयश सूरि नाम भा. कि. 1. पांडव चरित्र (जैन महाभारत) गु. 200 OTomorrorenownercom800 580Page Navigation
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