Book Title: Jain Sahitya Suchipatra
Author(s): Ratnatrayvijay
Publisher: Ranjanvijay Jain Pustakalay
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A
श्री सन्मार्ग प्रकाशन
18
जैन आराधनाभवन, पाछीयानी पोल, रीलीफ रोड़, अमदावाद - 380001 फोन : (079)
25352072
लेखक : आ.वि. श्री कीर्तियश सूरीश्वरजी म.सा.
भा. कि. नं.
नाम
गु. 130 25. श्रमण धर्म की श्रेष्ठता
गु. 155 26. आत्मधर्म
सं. 90 27. ब्रह्मचर्य
सं. 175 28. संसार असार है
सं. 20029. कथा सन्मार्गनी - 2
गु. संपूर्ण 30. स्वाध्याय दोहन
गु. सेट 31. कषायोने ओलखो
नं.
नाम
1. षड्दर्शन समुच्चय भा. 1
2. षड्दर्शन समुच्चय भा. 2
3. योगविंशीका प्रकरणम् 4. हितोपदेशः
5. चतु: शरण प्रकीर्णम्
6. आचारांग सूत्र भा. 1
7. आचारांग सूत्र भा. 2
8. आचारांग सूत्र भा. 3
9. आचारांग सूत्र भा. 4
10. आचारांग सूत्र भा. 5
11. आचारांग सूत्र भा. 6
12. आचारांग सूत्र भा. 7
13. आत्मध्यान के अवसर पर
14. परमात्मा को प्रार्थना
15. समकित का संग मुक्ति का रंग हि. 16. नवपद उपासको
17. वीरकी वाणी भरत का भावी
18. भगवाने भाख्या भावी नां लेख 19. पर्वाधिराज पर्युषण
20. झाणं 63 दुर्ध्यानो भा. 1 21. झाणं 63 दुर्ध्यानो भा. 2
22. झाणं 63 दुर्ध्यानो भा. 3 23. मन ने जाणो मनने जीतो 24. विंशति विंशीका
25
गु.
गु. हजार 33. सूयगडांगनां सथवारे-2
गु.
रु. 34. सूयगडांगनां सथवारे - 3
गु.
35. नवपद उपासक
गु.
हि. 30
हि. 30
30
40 39. धर्मसंग्रहः सारोद्वार
30 40. पतन अने पुनरुत्थान
30 41. संघ स्वरुप दर्शन भा. 1
50 42. संघ स्वरुप दर्शन भा. 2
25 43. संघ स्वरुप दर्शन भा. 3
25 44. हितोपदेशः
गु.
हि.
गु.
-
गु.
गु.
गु.
गु.
गु.
गु.
32. सूयगडांगनां सथवारे - 1
36. श्रुत महापूजा
37. जिनाज्ञा परममंत्र
38. माता- पिता प्रति संतानो का
उचित आचरण
2545. उचित आचरण भा. 1
5046. उचित आचरण भा. 2
60 47. उचित आचरण भा. 3
ಲೂ
080
भा. कि.
हि. 15
हि. 15
हि. 15
हि. 15
गु. 30.
गु. 80
गु. 35
गु.
60
गु. 60
गु.
60
fe. 50
गु. 40
हि. 35
हि. 25
পে পে পে र
गु. 150
90
गु. 90
गु. 90
सं. 75
20
20
गु. 30 180
.
गु.
गु.
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