Book Title: Jain Sahitya Suchipatra
Author(s): Ratnatrayvijay
Publisher: Ranjanvijay Jain Pustakalay

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Page 23
________________ Afereene नाम 25. तारकत्रयी 26. Short and Swee 11 नं. नाम 1. यति लक्षण समुच्चय 2. गुरु तत्त्व विनिश्चय भा. 1 3. गुरु तत्त्व विनिश्चय भा. 2 4. योग द्रष्टि समुच्चयः भा. 1 5. योग द्रष्टि समुच्चयः भा. 2 6. योग द्रष्टि समुच्चयः भा. 3 7. पंच वस्तुक प्रकरण- 1 8. पंच वस्तुक प्रकरण - 2 9. योग शतक 10. प्रतिमा शतक भाग-1 11. प्रतिमा शतक भाग-2 12. प्रतिमा शतक भाग-3 13. प्रतिमा शतक भाग-4 14. अध्यात्म मत परीक्षा - 1 भा. कि. नं. 15. अध्यात्म मत परीक्षा-2 16. अध्यात्म मत परीक्षा - 3 17. ज्ञानसार विवेचन CBFC गु. E. श्री गीतार्थ गंगा ट्रस्ट 5- जैन मर्चन्ट सोसायटी, फतेपुरा, पालडी, अमदावाद - 7 32911471 फोन नं. : (079) 26604911 लेखक : पं. युगभूषण विजयजी गणी / पं. प्रवीणचंद्र खीमजी नाम 2027. ब्रह्मचर्य के माईल स्टोल 15 28. चिंतामणी चैत्यस्तवना - भा. कि. नं. नाम गु. 150 18. धर्मतीर्थ भा. 1 गु. 230 19. धर्मतीर्थ भा. 2 गु. 250 20. पंच वस्तुक प्रकरण-3 गु. 100 21. पंच वस्तुक प्रकरण - 4 गु. 100 22. सामाचारी प्रकरण भा. 2 गु. 80 23. आश्रव अने अनुबंध गु. 150 24. योग विंशीका गु. 130 25. सम्यक्त्व षट्स्थान चउपई गु. गु. 120 26. अध्यात्म सार भा. 1 75 27. अध्यात्म सार भा. 2 गु. 80 28. अध्यात्म सार भा. 3 गु. 100 29. अध्यात्म उपनिषद् गु. 210 30. कूपद्रष्टांत विशदीकरण गु. 70 31. पंचसूत्र भा. 1 गु. 5532. पंचसूत्र भा. 2 गु. 75 33. विशंति विशीका शब्दश: गु. 215 विवेचन-1 筑 भा. कि. भा. कि. गु. 100 गु. 140 गु. 240 गु. 315 गु. 75 20 गु. गु. 65 गु. 55 गु. 44 गु. गु. Janwar লে লে পে 587 18 60 75 30 25 80 100

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