________________
Desaskelestatestobalobhadanluslatialisatmlanasonashalgadootmlarkiobolloodaaidaodsosanlaalikaalanalisablasmoolaaliseslarasadewleasenastasaram
विधि-विभाग
१
rune.indanwwwmarwaiwwwwwwwwwwwwww
sawantaintinkskskamkriwala-foolishitani-lantsEranepalakatestadaulasaharanastainlaolodbetirordesisealbrialoy
क दंडक उच्चरावोजी देसावगासिक? दंडक तीन बार बोले । इसके बाद पूर्वोक्त सामायिक लेने की विधि करे ।
देसांवगासिक पारने की विधि प्रथम इच्छामि०२ इच्छा. देसावगासिक पारवा मुंहपत्ति पडिलेहूं । फिर इच्छामि० इच्छा० देसावगासिक पारूं पुणोवि कायव्वो इच्छामि० देसावगासिक पारेमि 'तहत्ति' सामायिक पारने की विधिके अनुसार देसावगासिक पारे। देसावगासिक पारने की गाथार पढ़े फिर तीन णमोकार गिने।
तपगच्छीय विशेष विधियां - सामायिक लेने की विधि
श्रावक श्राविका शुद्ध वस्त्र पहन, चौकी आदि उच्च स्थान पर पुस्तक या मालाको स्थापनकर भूमि प्रमार्जनके बाद आसन बिछा चरवला मुंहपत्ति लेकर आसन पर बैठे । बायें हाथ में मुंहपत्ति को मुख के आगे रख दाहिने हाथ को स्थापना के सम्मुख कर एक णमोकार पढ़ कर पंचिंदिय सूत्र० उच्चरे। (अगर गुरु महाराज स्वयं विराजमान हों तो णमोक्कार और पंचिंदिय सूत्र की आवश्यकता नहीं। ) पीछे एक खमासमण देकर इरियावहियं०५, तस्स उत्तरी०, अणत्य० बोल एक लोगस्स या चार णमोक्कार का काउसग्ग कर, णमोअरिहंताणं' कह पार कर प्रगट लोगस्स० कहे । पीछे खमासमण दे 'इच्छाकारेण संदिसह भगवन् !.सामायिक लेवा मुंहपत्ति पडिलेहूं ? इच्छं' कह मुहपत्ति का पडिलेहण करे । तदनन्तर एक खमासमण दे 'इच्छाकारेण संदिसह भगवन् ! सामायिक संदिसाहू इच्छं फिर खमासमण दे 'इच्छाकारेण संदिसह भगवन् ! सामायिक ठाउं ? इच्छं' कह खड़े हो, दोनों हाथ जोड़ कर एक णमोक्कार पढ़े और 'इच्छकारि भगवन् पसायकरी सामायिक दंडक उच्चरावोजी'
SaDarlamlaslankeslalishamalankarelalaalbelcolicelanketrinakalankeletiokilindiranikichalanatanarisimicainionlinentaliranlanimlinlinlimilalanwali.alimlantalonlinelioniseokolarastakalaakshanikarakalayakhalledeeslashetadoratalertstalkritalwar
kamasobat katha kakka hila Kohi
R
ResKathkraineKhna KK
१-पृष्ठ ८२।२-पृष्ठ २१३-पृष्ठ ८२१४-पृष्ठ५४ 1-पृष्ठ३
प्रकाशमानलमूल्य मूल्यमालामालगाया गया 15