Book Title: Jain Paribhashika Shabdakosha
Author(s): Tulsi Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 13
________________ संकेत सूची अचि अभिधान चिन्तामणि आवहावृ २ आवश्यक हारिभद्रीया वृत्ति, भाग-२ अधवृ आवृ अनध अनु उचू अनुचू उनि आचारांग वृत्ति उत्तराध्ययन (उत्तरज्झयणाणि) उत्तराध्ययन चूर्णि उत्तराध्ययन नियुक्ति उपासकदशा (उवासगदसाओ, अंगसुत्ताणि भाग-३) उपासकदशा वृत्ति अनुमवृ उपा अनगार धर्मामृत स्वोपज्ञ वृत्ति अनगारधर्मामृत अनुयोगद्वार (अणुओगदाराई) अनुयोगद्वार चूर्णि अनुयोगद्वार भलधारीया वृत्ति अनुयोगद्वार हारिभद्रीया वृत्ति अन्तकृद्दशा (अंतगडदसाओ, अंगसुत्ताणि भाग-३) अन्ययोग व्यवच्छेदिका अमितगतिश्रावकाचार आचारांग (आयारो) अनुहावृ अन्त उपावृ उपास उपासकाध्ययन अन्ययो उशावृ अमिश्रा उसुवृ ओनि आ आचू आचारांग चूर्णि ओनिवृ उत्तराध्ययन शान्त्याचार्य वृत्ति उत्तराध्ययन सुखबोधा वृत्ति ओघनियुक्ति ओघनियुक्ति वृत्ति ओघनियुक्ति भाष्य ओघनियुक्ति भाष्य वृत्ति औपपातिक (ओवइयं, उवंगसुत्ताणि खंड-१) ओभा आचूला आनि ओभावृ आभा औप आप आव आयारचूला आचारांग नियुक्ति आचारांगभाष्यम् आलाप पद्धति आवश्यक (आवस्सयं, नवसुत्ताणि) आवश्यक चूर्णि, भाग-१ आवश्यक चूर्णि, भाग-२ आवश्यक नियुक्ति आवश्यक परिशिष्ट (आवस्सयं, औपव औपपातिक वृत्ति आवचू १ आवचू २ का कल्प (कप्पो, नवसुत्ताणि) कार्तिकेयानुप्रेक्षा (कत्तियाणुवेक्खा) कर्मग्रंथ आवनि का आव परि कप्र कर्मप्रकृति नवसुत्ताणि) कप्रा कषाय प्राभृत (कषाय पाहुड) आवभा आवश्यकभाष्य गोक गोम्मटसार कर्मकाण्ड आवमवृ गोजी गोम्मटसार जीवकाण्ड आवश्यक मलयगिरीया वृत्ति आवश्यक हारिभद्रीया वृत्ति, भाग-१ आवहावृ१ चासा चारित्रसार Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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