Book Title: Jain Paribhashika Shabdakosha Author(s): Tulsi Acharya Publisher: Jain Vishva Bharati View full book textPage 1
________________ जैन पारिभाषिक शब्दकोश जोनिअन भयावसावायानाकर Dictionary of Technical Terms of Jainism (हिन्दी संस्करण) जाणत्या पर संचरणे न थातीत्यामरस न प्रत्यक्ते अनुपयोगऽपीत्यर्थ च। काभेन जोजवरजीष्टि से किया गया है। नाक्षा औरलळ्यहर के आधार पर होने वाला ज्ञान। पण जग याणक्खर, वजण-वखा। वकालखण्डनीयाथरआरकाय काय कालः कर्तव्यावसस्तविपरीतोऽकात आव वहकिनसको ग णनाकारता अमीण बनाने वाली यागज विभूति दूसरा का शिलान। खाने पर वह क्षीण हो जाती है। परस्परोपग्रहो जीवानामहाभरण्ययभक्तवत किन खयभक्तं न याति आसेवा होने पर दिया जाने वागतात कारखानदानसकाकीकरण प्रयकारवनाशैली के आधार पर किया। पानिमा गाथा लोक नेक आदिवासदृश पानी की बहुलता । वाचनाप्रमुख : गणाधिपति तुलसी प्रणेतात. आचार्य महाप्रज्ञ Jain Education International www.jainelibrary.orgPage Navigation
1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 ... 346