Book Title: Jain Parampara ka Itihas
Author(s): Nathmalmuni
Publisher: Adarsh Sahitya Sangh

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Page 6
________________ [ख] आदर्श साहित्य संघ, जो सत्साहित्य के प्रकाशन एवं प्रचार-प्रसार का ध्येय लिए कार्य करता आ रहा है, इस महत्त्वपूर्ण प्रकाशन का प्रबन्धाभार ग्रहण कर अत्यधिक प्रसन्नता अनूभव करता है । जैन परम्परा का इतिवृत्त जानने में यह पुस्तक विशेष रूप से सहायक सिद्ध होगी, ऐसी आशा है । सरदारशहर ( राजस्थान ) आषाढ कृष्णा ११, २०१७ जयचन्दलाल दफ्तरी व्यवस्थापक आदर्श साहित्य संघ द्वितीय संस्करण जैन परम्परा का इतिवृत जानने में यह पुस्तक विशेष रूप से सहायक सिद्ध हुई है, यह कहना अतिशयोक्ति पूर्ण नही है । पुस्तक का द्वितीय सस्करण इसका ज्वलन्त प्रमाण है । हमे आशा ही नही पूर्ण विश्वास है कि साहित्यानुरागी समाज संघ द्वारा प्रकाशित पुस्तको से लाभान्वित हो समय-समय पर इसका मार्ग-दर्शन करता रहेगा । चूरू ( राजस्थान ) भादव शक्ला १ स० २०२६ व्यवस्थापक आदर्श साहित्य सघ

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