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अङ्क १-२
मलिषेणका विशेष परिचय। समूहका नाश करनेवाली और संसार- कर्मेन्धनदहनपटु.. विच्छेदिनी यह पाँच सौ श्लोक परिमाण, स्तच्छिष्यः कनकसेनगणी ॥५६॥ श्रीपंचमी कथा रची है । जो सहृदय
चारित्रभूषितांगो, मनुष्य भक्तिके साथ इसे लिखते हैं, आदर
नि:संगो मथितदुर्नयानंगः। के साथ सुन्दर वचनों द्वारा इसका
तच्छिण्यो जिनसे व्याख्यान करते हैं और प्रसन्नचित्त होकर सुनते हैं वे सदा मुक्तिलक्ष्मीको
बभूव भव्याजधर्मांशुः ॥५॥ प्राप्त होते हैं।
तदीय शिष्योऽजनि मस्तिषण:प्रशस्तिमें मल्लिषणसे पहले 'तच्छिष्यः'
सरस्वतीदचवरप्रसादः। पदका प्रयोग किया गया है जिसका अर्थ तेनोदितो भैरवदेवताया:होता है 'उनका शिष्य। 'तत्। (उनका)
कल्प: समासेन चतुःश्यतेन ॥५८॥ शब्दका सम्बन्ध नरेंद्रसेन और जिनसेन
यावद्वारिधिभूधरदोनोंके साथ लगाया जा सकता है।
तारागणगगनचंद्रदिनपतयः । परन्तु वास्तवमें उसका वाच्य नरेंद्रसेन नहीं किन्तु जिनसेन है, जैसा कि मागे
तिष्ठतु भुवि तावदयं चलकर भैरवपद्मावतीकल्प और ज्वालिनी- भैरवपद्मावतीकल्पः ॥५९॥ कल्प नामके ग्रन्थोंकी प्रशस्तियोंसे मालूम ज्वालिनीकल्पकी प्रशस्ति निन्न. होगा। इन दोनों प्रशस्तियों में जिनसेनके लिखित है:-.. बाद 'तदीयशिष्योऽजनिमल्लिषणः, तस्या प्रशिष्योऽजनि मल्लिषणः' इन वाक्यों
___ "श्रीमतोनितसेनस्य सूरिः ( रेः) के द्वारा साफ तौरसे मल्लिषेणको जिन.
कार्तिधुरिणा (गः)। सेनका शिष्य सूचित किया है और जिन- शिष्यः कनकसेनोभूसेनके छोटे भाई नरेंद्रसेनका नाम भी
दणिकमुनिजनस्तुतः ॥१॥ नहीं दिया। मल्लिषणजी जिनसेनाचार्यके ___ तदीय शिष्यो जिनसेनसूरिः अपशिष्य थे और इसलिये महापुराणकी
. तस्याप्रशिष्योऽजनि मालिकषणः प्रशस्तिमें उन्होंने अपनेको जो जिनसेनका
वाग्देवतालक्षितचारुवक्त्रपुत्र लिखा है उसका अभिप्राय शिष्य ही
स्तेनाराचि मिखिजादेविकल्पः ॥२॥ जान पड़ता है-प्राचार्योका शिष्यवर्ग भी उनकी संतति कहलाता है।
कुमतिमतविभेदि (दी) जैनतत्वार्थवेदि (दो), भैरवपद्मावतीकल्पकी प्रशस्ति इस हतदुरितसमूहः क्षीणसंसारमोहः । प्रकार है:
भवजलधितरंडो वाग्ववाक्षरण्डे (?) "सकन्नृपमुकटघटित
विबुधकुमुदचंद्रो मल्लिषेणो गोंद्रः ॥॥" चरणयुग: श्रीमदजितसेनगणी ।
इन दोनों प्रशस्तियोंको नागकुमार जयतु दुरितापहारी,
पंचमी कथाकी प्रशस्तिके साथ मिलाकर . भव्योषभवार्णवोगारी ॥५५॥ .
पढ़नेसे इस विषयमें कोई सन्देह नहीं जिनकमयागमवेदि (दी),
रहता कि ये तीनों प्रशस्तियाँ एक ही गुस्तरसंसारकाननोच्छदी।
व्यक्तिसे सम्बन्ध रखती हैं-तीयों में
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