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मूल शब्द
पूजा पंक्ति मुकति थान
प्रयुक्त शब्द
मूल शब्द पूजा पंक्ति नौमी
नवमी नौमी विमा समोशरन
समवशरन महिमा समोगरन की
स्वर्ग सुरग मुक्ति पद' पूजाकाव्य में भाषाविज्ञान के मुख सुख के सिद्धान्तानुसार कतिपय शब्दों में वर्गों का लोप कर दिया गया है, यथाअगरहवीं शतीप्रयुक्त शब्द
मल शब्द
पूजापंक्ति थान
स्थान
हारे थान' पिरता
स्थिरता अधाहरे थिरता करे श्रुति
स्तुति
श्रुति पूरी उन्नीसवीं शती
प्रयुक्त शब्द याम
स्थान थावर
स्थावर
वसथावर को रक्षा १. श्री आदिनाथ जिनपूजा, सेवक, संगृहीतन थ-जैन पूजापाठ संग्रह, भाग
चन्द्र पाटनी, न० ६२, नलिनी सेठ रोड, कलकत्ता-७ ,पृष्ठ ६७ । २ श्री देवशास्त्र गुरुपूजा, कुजिलाल, संगहीतपथ- नित्य नियम विशेष
पूजन संग्रह, अ० पतासीबाई जैन, गया (बिहार), पृष्ठ ११५। ३. श्री तीस चौबीसी पूजा, रविमल, संग्रहीत ग्रंथ- जैन पूजापाठ संग्रह, भाग
चन्द्र पाटनी, न० ६२, नलिनी सेठ रोड, कलकत्ता-७, पृष्ठ २५० । ४. श्री देव पूजाभाषा, दयानसराय, संगृहीतग्रंथ-बृहजिनवाणी संग्रह, पं०
पन्नालाल वाकलीवाल, मदनगज, किशनगढ़, १९५६, पृष्ठ ३०३ । ५. श्री चारित्र पूजा, यानतराय, सगृहीत प्रथ- राजेश नित्य पूजापाठ संग्रह,
राजेन्द्र मेटिल बस, हरिनगर, अलीगढ़, १९७६, पृष्ठ ११ । ६ श्री बीस तीर्थकर पूजा, दयानतराय, संग्रहीत प्रथ-राजेश मित्य पूजापाठ ____ संग्रह, राजेन्द्र मेटिल बस, हरिनगर, अलीगढ़, १६७६, पृष्ट । ७. श्री चन्द्रप्रभु जिनपूजा, बदावन, संगहीत ग्रंथ-ज्ञानपीठ पूजांजलि, अयोध्या
प्रसाद गोयलीय, मंत्री, भारतीय ज्ञानपीठ, दुर्गाकुण्ड रोड, बनारस, १९५७,
पृष्ठ ३३८ । ८. श्री अब सप्तर्षि पूजा, मनरंगलाल, संग्रहीत ग्रंथ-राजेश नित्य पूजापाठ
संग्रह, राजेन्द्र मेटिल वर्क्स, हरिनगर, अलीगढ़, १९७६, पृष्ठ १४२ ।