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नाम नाथनगर है यह बिहार प्रान्त के भागलपुर के समीपस्थ है। यह सिद्धक्षेत्र हूं। बारहवें तीर्थंकर वासुपूज्य के पांचों कल्याणक यहीं हुये हैं।"
पावापुर (श्री पावापुर सिद्धक्षेत्र पूजा) - बिहार प्रदेश के पटना महानगर के निकट सिद्धक्षेत्र पायापुर है। पावापुर अंतिम तीर्थकर विभु
मान का निर्वाणधाम है अतः यह पवित्र, पूज्य, तीर्थस्थान है ।
बनारस (श्रीपार्श्वनाथ जिनपूजा ) ' - यह नगर उत्तरप्रदेश में २३.५३ उत्तरी अक्षांश और ८३.१२ पूर्वी देशान्तर पर गंगा नदी के तट पर स्थित है । बनारस का प्राचीन नाम वाराणसी है। सातवें तीर्थंकर श्री सुपार्श्वनाथ और तेइसवें तीर्थंकर श्री पार्श्वनाथ जी का लोकोपकारी जन्म कल्याणक, इसी स्थल पर हुये हैं फलस्वरूप यह अतिशय क्षेत्र हैं ।
सम्मेद शिखर (श्री सम्मेदशिखरपूजा ) " -- यह पूर्वी भारत के हजारी बाग जिला पार्श्वनाथ हिल पर स्थित है । सम्मेद शिखर वह पावन भूमि है, जहाँ अजितनाथ आदि बीस तीर्थकरों और अगणित ऋषि पुगों मे तप साधना द्वारा निर्माण पर प्राप्त किया है। फलस्वरूप यह सिद्धक्षेत्र है ।
सोनागिरि (श्री सोनागिरि सिद्धक्षेत्र पूजा) - उत्तर प्रदेश में झांसी के free aftया जिले में सोनागिरि क्षेत्र है । यह पर्यंत छोटा-सा किन्तु अत्यन्त रमणीक है । यहाँ से गंग-अनंग कुमार आदि साढ़े पांच करोड़ मुनियों के साथ मुक्ति को प्राप्त हुए हैं।
श्रवणबेलगुल (श्री बाहुबली पूजा) ७ - श्रवणबेलगोल जैनियों का अति प्राचीन और मनोहर तीर्थ है इसे उतर भारतवासी 'जंगबद्री' कहते हैं। यह 'जैन काशी' और 'गोम्मट तीर्थ' नामों से भी प्रसिद्ध रहा है। यह
१. जैन तीर्थ और उनकी यात्रा, पृष्ठ ४० ।
२. श्री पावापुर सिद्धक्षेत्र पूजा, दौलतराम, जंनपूजापाठ संग्रह, पृष्ठ १४७ । ३. श्री पार्श्वनाथ जिनपूजा, बख्तावररत्न, जैन पूजापाठ संग्रह, पृष्ठ ११८ । ४. श्री सुपार्श्वनाथ जिनपूजा, मनरंगलाल, सत्यार्थ यश, पृष्ठ ५४ ।
५. श्री सम्मेदशिखर पूजा, रामचन्द्र, जैनपूजापाठ संग्रह, पृष्ठ १२५ । ६. श्री सोनागिरि क्षेत्रपूजा, आशाराम, जैनपूजापाठसंग्रह, पृष्ठ १५० १ ७. श्री बाहुबलि पूजा, जिनेश्वरदास, जैनपूजापाठसंग्रह, पृष्ठ १७२ ।