Book Title: Jain Dharm Mimansa 02
Author(s): Darbarilal Satyabhakta
Publisher: Satyashram Vardha

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Page 6
________________ -: विषय-सूची : Ne:चौथा अध्याय [ सर्वज्ञत्व-मीमांना सम्यग्ज्ञान सर्वज्ञता का मनोवैज्ञानिक इतिहास अनन्त का प्रत्यक्ष असंभव सप्त-भंगी असत् का प्रत्यक्ष असंभव अनेक विशेष युक्त्याभासों की आलोचना पहला युक्त्याभास दूसरा युक्त्याभास तीसरा युक्त्याभास अन्य युक्त्याभास सर्वज्ञता और जैनशास्त्र उपयोग के विषय में मतभेद केवलज्ञानोपयोग का रूप केवली और मन केवली के अल्पज्ञान सर्वज्ञ शब्द के अर्थ वास्तविक अर्थ का समर्थन सर्वज्ञता की बाह्य परीक्षा

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