Book Title: Jage Yuva Shakti
Author(s): Devendramuni
Publisher: Tarak Guru Jain Granthalay

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Page 17
________________ (१५) यौवन में ही महान कार्य हुए हैं संसार के महापुरुषों का इतिहास उठाकर देखिए, जितने भी वीर, योद्धा, प्रतिभाशाली. देश-भक्त. धर्मनेता, राष्ट्रनेता, वैज्ञानिक, आविष्कारक, महापुरुष और अपने क्षेत्र की हस्तियाँ हुई हैं, उन सबका अभ्युदय काल यौवन ही है । यौवन की रससिक्त ऋतु ने ही उनके जीवन वृक्ष पर सफलता के फल खिलाये हैं । भगवान् महावीर ३० वर्ष की भरी जवानी में साधना-पथ पर चरण बढ़ाते हैं, और यौवन के १२ वर्ष तपस्या, साधना, ध्यान आदि में बिताकर तीर्थंकर बनते हैं । गौतम बुद्ध भी २८ वर्ष की अवस्था में गृहत्याग कर यौवन को तपाते हैं और बुद्धत्व प्राप्त करते हैं । सिकन्दर, चन्द्रगुप्त, अशोक, गाँधी, नेहरू, मार्क्स, लेनिन, चर्चिल, रूजवेल्ट, सभी का इतिहास उठा कर देख लीजिए । २५ से ४५ वर्ष का जीवनकाल ही सबके अभ्युदय और

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