________________
(४) युवाशक्ति को शक्तिशाली बनना है और अपने आत्मबल एवं चरित्रबल से समाज तथा राष्ट्र का उत्थान करना है तो सबसे पहले स्वयं के चरित्र व नैतिक बल को सुदृढ़ व सुरक्षित रखना होगा। नैतिक एवं चारित्रिक गुण
नीति तथा चरित्र शब्द इतना व्यापक है कि एक प्रकार से समूचा मानवीय व्यवहार और जीवन के आवश्यक सभी सद्गुण इसमें आ जाते हैं, इसलिए नैतिक तथा चारित्रिक सद्गुणों की कोई सूची नहीं बनाई जा सकती और न ही इसकी कोई सीमा है, फिर भी कुछ गुण ऐसे हैं जिनका प्रभाव समग्र जीवन पर पड़ता है, समूचा जीवन व्यवहार जिन गुणों से प्रभावित और संप्रेरित रहता है, उनकी एक सामान्य चर्चा कर लेना आवश्यक होगा। सत्यनिष्ठा
जिसे हम सच्चाई कहते हैं, वह जीवन की सबसे पहली अच्छाई है ।