Book Title: Jage Yuva Shakti Author(s): Devendramuni Publisher: Tarak Guru Jain GranthalayPage 59
________________ मैं आप युवा वर्ग से कहना चाहता हूँ, शायद आप पहली या तीसरी कोटि में नहीं है । आप में से अधिकांश दूसरी स्थिति में हैं, जिनके मन में धर्म और नीति के प्रति एक निष्ठा है, एक सद्भावना है, किन्तु भौतिक प्रलोभनों का धक्का उस निष्ठा की कमजोर दीवार को गिरा सकता है अतः आपको मेरा यही संदेश है कि आप स्वयं को समझें, अपने महान लक्ष्य को सामने रखें । महान लक्ष्य के लिए स्वयं बलिदान करने वाला मरकर भी अमर रहता है। एक उर्दू शायर ने कहा हैजी उठा मरने से, जिसकी खुदा पर थी नजर, जिसने दुनियां ही को पाया, था वह सब खोके मरा! जो जीना हो तो पहले जिन्दगी का मुद्दआ समझे खुदा तोफीक दे तो आदमी खुद को खुदा समझे ।Page Navigation
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