Book Title: Jage Yuva Shakti
Author(s): Devendramuni
Publisher: Tarak Guru Jain Granthalay

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Page 62
________________ (६०) अपने-अपने अधिकार की लड़ाई में कर्तव्य एवं प्रेम का खून बहा रहे हैं । इसी प्रकार समाज में वर्ग संघर्ष बढ़ रहा है । नौकर अपने अधिकार की माँग करता है, तो मालिक अपने अधिकार की माँग करता है । अधिकार की भावना ने ही वर्ग संघर्ष को जन्म दिया है, परिवारों को तोड़ा है, घर को उजाड़ा है, और समाज-संस्था को छिन्नभिन्न कर दिया है । अधिकार की लड़ाई में आज कर्तव्य-पालन को कोई नहीं पूछता । पुत्र का अधिकार है, पिता की सम्पत्ति में, परन्तु कोई उससे पूछे, उसका कर्तव्य क्या है ? माता-पिता की सेवा करना, उनका दुःख-दर्द बांटना, क्या पुत्र का अधिकार नहीं है । अधिकार की माँग करने वाला अपने कर्तव्य को क्यों नहीं समझता ? यदि युवक, अपने कर्तव्य को समझ ले, तो अधिकारों का संघर्ष खत्म हो जायेगा, स्वयं

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