Book Title: Jage Yuva Shakti Author(s): Devendramuni Publisher: Tarak Guru Jain GranthalayPage 68
________________ 'युवक' वह नहीं जो 20-25 वर्ष का जवान है, युवक वह है, जिसमें उत्साह है, स्फूर्ति है, चेतना है, संघर्ष करने की क्षमता है और सफलता के शिखर पर पहुँचे बिना लौटने का नाम नहीं लेता। चरित्र-बल, अनुशासन, और लोक कल्याण की भावना से काम करना युवक का जीवन मंत्र है। युवक में उत्साह के साथ विवेक और श्रद्धा भी हो तो उसकी गति हमेशा लक्ष्य की ओर बढ़ती रहेगी। युवक, पहले स्वयं का निर्माण करता है फिर परिवार, समाज, राष्ट्र और विश्व का / -उपाचार्य देवेन्द्र मुनि A प्रकाशकः श्रीतारकगुरु जैन ग्रन्थालय उदयपुरPage Navigation
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