Book Title: Jage Yuva Shakti
Author(s): Devendramuni
Publisher: Tarak Guru Jain Granthalay

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Page 16
________________ (१४) बोले-महाराज साहब, यह हमारे गाँव का उत्साही युवक है। मैंने उसे गौर से देखा, और सोचा"उत्साही युवक", इसका क्या मतलब ? उत्साह तो युवक की पहचान है, उत्साह युवक का पर्याय है, जिस पानी में तरलता व चंचलता नहीं, वह पानी ही नहीं, जिस घोड़े, में स्फूर्ति नहीं, तेजी नहीं, वह मरियल टटू कोई "अश्व" होता है ? इसी प्रकार जिस युवक में उत्साह नहीं, वह कोई युवक है ? हाँ, अगर कोई कहता, ये "उत्साही बुजुर्ग है" तो उत्साह उसकी शोभा होता, "उत्साही-युवक" यह युवक का विशेषण 'नहीं, या युवा की पहचान नहीं, किन्तु यौवन का अपमान है, उसकी शक्तियों की अवगणना है।

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