Book Title: Jage Yuva Shakti Author(s): Devendramuni Publisher: Tarak Guru Jain GranthalayPage 32
________________ (३०) हैं, अतः युवा वर्ग को सर्वप्रथम भगवान् महावीर का संदेश पद-पद पर स्मरण रखना चाहिए-'अप्पा दन्तो सुही होई' अपने आप पर संयम करने वाला सदा सुखी रहता है । अपनी भावना पर, अपनी आदतों पर और अपनी हर गतिविधि पर स्वयं का नियन्त्रण रखें । पाँच आवश्यक गुण यह माना कि 'युवा' आज संसार की महान शक्ति है । 'युवावस्था' जीवन की सबसे महत्वपूर्ण घड़ी है, किन्तु इस शक्ति को, इस समय की सन्धि को हम तभी उपयोगी बना सकते हैं, जब वह अपनी सकारात्मक शक्तियों को जगायेगी । अपनी सकारात्मक शक्तियों को जगाने के लिए युवा वर्ग को इन पाँच बातों पर ध्यान केन्द्रित करना है १. श्रद्धाशील बनें-आज का युवामानस श्रद्धा, आस्था, विश्वास, फेथ (Faith) नाम से नफरत करता है, वह कहता हैPage Navigation
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