Book Title: Jage Yuva Shakti
Author(s): Devendramuni
Publisher: Tarak Guru Jain Granthalay

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Page 30
________________ (२८) डालनी चाहिए । अनुशासित सिपाही की भांति, संगठित फौज की भाँति उसे अपनी जीवनशैली बनानी चाहिए। जो व्यक्ति अनुशासित जीवन जीना सीख लेता है, वह चाहे राजनैतिक क्षेत्र में रहे, धार्मिक क्षेत्र में रहे, प्रशासनिक क्षेत्र में रहे, या व्यापारिक, औद्योगिक क्षेत्र में, वह हर जगह अपना अलग ही स्थान बनायेगा, उसका व्यक्तित्व अलग चमकेगा, सबको प्रभावित भी करेगा; और सभी क्षेत्रों में प्रगति, उन्नति एवं सफलता भी प्राप्त करेगा। अनुशासन भी कई प्रकार के हैंसबसे पहला और सबसे आवश्यक अनुशासन है- 'आत्मानुशासन ।' जिसने अपने आप पर अनुशासन करना सीख लिया वह संसार में सब पर अनुशासन कर सकता है और सब जगह सफल हो सकता है। आत्मानुशासन का मतलब है-अपनी अनावश्यक इच्छाओं पर, आकांक्षाओं पर,

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