Book Title: Jage Yuva Shakti Author(s): Devendramuni Publisher: Tarak Guru Jain GranthalayPage 33
________________ (३१) श्रद्धा करना बूढ़ों का काम है, युवक की पहचान है-बात-बात में तर्क, अविश्वास और गहरी जाँच-पड़ताल । मैं समझता हूँयुवा वर्ग में यही सबसे बड़ी भ्रान्ति या गलतफहमी हो रही है। श्रद्धा या विश्वास एक ऐसा टॉनिक है, रसायन है जिसके बिना काम करने की शक्ति आ ही नहीं सकती। जब तक आप अपने स्वयं के प्रति श्रद्धाशील नहीं होंगे, अपनी क्षमता पर भरोसा नहीं करेंगे, तब तक कुछ भी काम करने की हिम्मत नहीं होगी । श्रद्धाहीन के पाँवः डगमगाते रहते हैं, उसकी गति में पकड़ नहीं होती, स्थिरता नहीं होती और न ही प्रेरणा होती है । हम एक व्यक्ति पर, एक नेता पर, एक धर्म सिद्धान्त पर, एक नैतिक सद्गुण पर या भगवान् नाम की किसी परम शक्ति पर जब तक भरोसा नहीं करेंगे, श्रद्धा नहीं करेंगे तब तक न तो हमारे सामने बढ़ने का कोई लक्ष्य होगा, न ही मन में बल होगा, न उत्साह होगा और न ही समर्पणPage Navigation
1 ... 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68