Book Title: Jage Yuva Shakti
Author(s): Devendramuni
Publisher: Tarak Guru Jain Granthalay

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Page 25
________________ (२३) खुशहाली छा जाती है और यदि अणुबम या अणुयुद्ध में उसका उपयोग किया गया तो सर्वत्र विनाश और सर्वनाश की विभीषिका छायेगी । युवाशक्ति भी एक प्रकार की अणुशक्ति है, इस शक्ति को यदि समाजसेवा, देश-निर्माण, राष्ट्रीय-विकास और मानवता के अभ्युत्थान के कार्यों में लगा दिया जायेगा तो बहुत ही चमत्कारी परिवर्तन आ जायेंगे । संसार की दरिद्रता, बेकारी, पीडाएँ, भय, युद्ध, आतंक आदि समाप्त होकर प्रेम, भाईचारा, खुशहाली, सुशिक्षा, आरोग्य, और सभी को विकास के समान अवसर मिल सकेंगे । आप देख सकते हैं, जापान जैसा छोटा-सा राष्ट्र जो परमाणु युद्ध की ज्वाला में बुरी तरह दग्ध हो चुका था, हिरोशिमा और नागासाकी की परमाणु विभीषिकाएँ उसकी समूची समृद्धि को मटियामेट कर चुकी थीं, वही राष्ट्र पुनः जागा. एकताबद्ध हुआ, युवाशक्ति संगठित

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