Book Title: Hindi Jain Sahitya ka Bruhad Itihas Part 4
Author(s): Shitikanth Mishr
Publisher: Parshwanath Shodhpith Varanasi

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Page 10
________________ IV सौजन्यसुंदर २३५-२३६, सौभाग्यसागर २३६, हरकबाई २३६, हरखचंद (श्रावक) २३६-२३७, हरचरणदास २३७, हरचंद २३७, हरजसराय २३८, हरिचंद २३८२३९, हरदास २३९, हर्षविजय २४०, हितधीर २४०, हीरसेवक (हरसेवक) २४०२४१, हीरा २४१, हलसा जी २४१, हेमराज २४१, हेमविलास २४१-२४२। सन्दर्भ सूची २४३-२६२, तृतीय अध्याय- अज्ञात पद्य और गद्य और गद्य-लेखकों तथा जैनेतर रचनाकारों की रचनाओं का संक्षिप्त विवरण: (क) अज्ञात पद्य-लेखकों की रचनाओं का विवरण २६३२६७, (ख) जैनेतर कवियों की रचनाओं का विवरण-हरदास २६८-२६९, विष्णु २६९, सुदामो २६९-२७१, लाल २७१, थोभरा २७१, अजयराज २७१-२७२, भोजे २७२-२७३, (ग) गद्य रचनाओं का विवरण २७३-२७९, उपसंहार २८०-२८२, साहित्य के प्रति जैन साहित्यकारों का दृष्टिकोण २८२-२८३, जैन साहित्य का मूल्य (जनसाहित्य) २८३, धार्मिक सहिष्णुता २८४-२८५, कथानक रूढि२८५, कथाशिल्प २८५, छंद योजना २८५, काव्यरूप २८६। संदर्भ सूची २८७-२८८।। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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