Book Title: Gommatasara Karma kanad Part 2
Author(s): Nemichandra Siddhant Chakravarti, A N Upadhye, Kailashchandra Shastri
Publisher: Bharatiya Gyanpith
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४. त्रिलिकाधिकार
नव प्रश्न चूलिकाओं के नाम
प्रथम तीन प्रश्नोंकी प्रकृतियाँ दूसरे तीन प्रश्नोंकी प्रकृतियाँ तीसरे तीन प्रश्नोंकी प्रकृतियाँ सप्रतिपक्षा और अप्रतिपक्षा प्रकृतियाँ
पाँच भागहार चूलिकाओंके नाम
संक्रमणका स्वरूप
पाँचों संक्रमणका स्वरूप
उद्वेलन प्रकृतियाँ
सर्व संक्रमणरूप प्रकृतियाँ
प्रकृतियों में संक्रमणका नियम
विध्यात और अधःप्रवृत्त संक्रमणकी प्रकृतियाँ
स्थिति अनुभाग और प्रदेश बन्धके
संक्रमणके गुणस्थानों की संख्या
पाँच भागहारोंका अल्पबहुत्व
दस करणोंके नाम
दस करणोंका स्वरूप
किन प्रकृतियों और गुणस्थानोंमें ये करण होते हैं
उनमें भुजकारादि बन्धोंका कथन उत्तर प्रकृतियों में स्थानोंका कथन
[क-२]
विषय सूची
६४७-६८१
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५. स्थानसमुत्कीर्तनाधिकार
नमस्कारपूर्वक प्रतिज्ञा स्थानका स्वरूप
गुणस्थानों में मूल प्रकृतियोंके बन्ध उदय उदीरणा और सत्वको लिये स्थानोंका कथन
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विशेष भुजकारादिकी संख्या
गुणस्थानोंमें भुजकार बन्धोंकी संख्या
अल्पतर बन्धोंका कथन
विशेष रूप से अवक्तव्य बन्ध
मोहनीयके उदयस्थान उदयके कूटों की रचना
६७५ मिथ्यादृष्टि आदि गुणस्थानोंमें कूटोंकी संख्या गुणस्थानोंमें अपुनरुक्त उदयस्थान
गुणस्थानों में उदयस्थानों और कूटोंका सूचक यन्त्र
दो प्रकृतिरूप उदयस्थानके भंग
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दर्शनावरणके बन्धस्थान तथा उनमें
भुजकारादि बन्ध
दर्शनावरणके उदयस्थान
दर्शनावरण के सत्त्वस्थान
मोहनीयके बन्ध स्थान
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तथा उनके
गुणस्थान
उन स्थानोंमें ध्रुवबन्धी प्रकृतियाँ
उनके भंग गुणस्थानों में
गुणस्थानों में मोहनीयके बन्धस्थानों में
भंगों की संख्या
भुजकारादि बन्धों का लक्षण
अवक्तव्य बन्धोंकी संख्या
भुजकार बन्धोंकी संख्या
अल्पतर बन्धों की संख्या
गुणस्थानों में मोहनीयके सब उदयस्थानोंकी और प्रकृतियोंकी संख्या
अपुनरुक्त स्थानोंकी संख्या और प्रकृतियाँ उपयोग की अपेक्षा गुणस्थानों में मोहके
उदय स्थानों और प्रकृतियोंका कथन योयकी अपेक्षा उक्त कथन
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