Book Title: Gacchachar Prakirnakam
Author(s): Yashratnavijay
Publisher: Jingun Aradhak Trust
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________________ 87 40 श्रीवानर्षिगणिविहितवृत्तियुतम् . दसवेयालियं 1 कप्पिआकप्पियं 2 चुल्लकप्पसुयं 3 महाकप्पसुयं 4 उववाइयं 5 रायपसेणियं 6 जीवाभिगमो 7 पन्नवणा 8 महापन्नवणा 9 पमायप्पमायं 10 नंदी 11 अणुओगदाराई 12 देविदत्थओ 13 तंदुलवेयालियं 14 चंदाविज्झयं 15 सूरपण्णत्ती 16 पोरिसिमंडलं 17 मंडलपवेसो 18 विज्जाचरणविणिच्छओ 19 गणिविज्जा 20 झाणविभत्ती 21 मरणविभत्ती 22 आयविसोही 23 वीयरागसुयं 24 संलेहणासुयं 25 विहारकप्पो 26 चरणविही 27 आउरपच्चक्खाणं 28 महापच्चक्खाणं 29 एवमाइ, से तं उक्कालियं 1 / से किं तं कालियं ?, 2 अणेगविहं पन्नत्तं, तं०-उत्तरज्झयणाई 1 दसाउ 2 कप्पो 3 ववहारो 4 निसीहं 5 महानिसीहं 6 इसिभासियाई 7 जंबुद्दीवपण्णत्ती 8 दीवसागरपण्णत्ती 9 चंदपण्णत्ती 10 खुड्डिआ विमाणपविभत्ती 11 महल्लिया विमाणपविभत्ती 12 अंगचूलिआ 13 वग्गचूलिआ 14 विवाहचूलिआ 15 अरुणोववाए 16 वरुणोववाए 17 गरुलोववाए 18 धरणोववाए 19 वेसमणोववाए 20 वेलंधरोववाए 21 देविंदोववाए 22 उट्ठाणसुए 23 समुट्ठाणसुए 24 नागपरिआवणिआ 25 निरयावलियाउ 26 वण्हीदसाओ 31, एवमाइआई चउरासीइं पइन्नगसहस्साई भगवओ अरहओ उसहसामिस्स आइतित्थयरस्स 1, तहा संखिज्जाइं पइन्नगसहस्साइं मज्झिमगाणं जिणवराणं 2, चउद्दसपइण्णगसहस्साणि भगवओ वद्धमाणसामिस्स 3, अहवा जस्स जत्तिआ सीसा उप्पत्तिआए 1 वेणइआए 2 कम्मिआए 3 पारिणामिआए 4 चउव्विहाए बुद्धीए उववेआ तस्स तत्तिआई पइण्णगसहस्साइं 1, पत्तेअबुद्धावि तत्तिआ चेव, से तं कालिअं, से तं आवस्सयवइरित्तं, से तं अणंगपविटुं [नन्दी० सू० 44]" ___ अत्र ‘एवमाइयाई' इत्याद्यंशस्य वृत्तिः - ‘एवमाइयाई' इत्यादि, कियन्ति नाम नामग्राहमाख्यातुं शक्यन्ते प्रकीर्णकानि ? तत एवमादीनि चतुरशीतिप्रकीर्णकसहस्राणि भगवतोऽर्हतः श्रीऋषभस्वामिनस्तीर्थकृतः 1, तथा सङ्ख्येयानि प्रकीर्णकसहस्राणि मध्यमानामजितादीनां जिनवरेन्द्राणां, एतानि च यस्य यावन्ति तस्य तावन्ति प्रथमानुयोगतो वेदितव्यानि 2, तथा चतुर्दश प्रकीर्णकसहस्राणि

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