Book Title: Dhaval Jaydhaval Sara
Author(s): Jawaharlal Shastri
Publisher: Ganeshprasad Varni Digambar Jain Sansthan

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Page 9
________________ (क) 1. आयुकर्म का लक्षण ii. आयुकर्म के भेद व बन्ध-उदय iii. आयु बन्ध का कारण iv. गतियों में आयु परिमाण V. आयु सम्बन्धी विशिष्ट नियम vi. समीक्षा (क) (ख) ४. व्याख्यान ३ १. क्षायिक समकित - क्षायिक सम्यक्त्व स्वामित्व क्षायिक समकिती के भव ३. क्षायिक समकित सब दिन एक समान Jain Education International व्याख्यान ४ कदलीघात के लिए दो बार आयु बंध नहीं होता - वीरसेन स्वामी का मत ५४ मेरी कतिपय शंकाएँ / गुरुवर्य श्री पं० फूलचन्द्र जी के समाधान पं० फूलचन्द्र सिद्धान्तशास्त्री के समाधान ≈ ≈ m x 8 % * ३२ For Personal & Private Use Only ३२ ३३ ३४ ४१ ४८ क्षायिक सम्यक्त्व का काल बद्धायुष्क क्षायिक समकिती का जन्म पंचमकाल में क्षायिक समक़ित नहीं ६२ क्षायिक सम्यक्त्वी संयतासंयत कौन ६२ स्त्रियों में क्षायिक सम्यक्त्व नहीं होता ६२ क्षायिक समकिती उत्तमभोग भूमि में ही उत्पन्न हो, ऐसा नहीं है । (ज) off is s ५९ ५९ ६० ६० ६१ ६१ ६३ ७० ७५ ८४ www.jainelibrary.org

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