Book Title: Dhaval Jaydhaval Sara
Author(s): Jawaharlal Shastri
Publisher: Ganeshprasad Varni Digambar Jain Sansthan

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Page 14
________________ पं. फूलचन्द्रशास्त्री व्याख्यानमाला मौलिक कृतियाँ १. जैनधर्म और वर्ण-व्यवस्था - भारतवर्षीय दि. जैन परिषद, पब्लिशिंग हाउस, दिल्ली, १९४५ विश्वशान्ति और अपरिग्रहवाद - श्री गणेश प्रसाद वर्णी ग्रन्थमाला, वाराणसी, १९४९ ३. ४. ५. ६. (पृ. २१४) अकिंचित्कर: : एक अनुशीलन - अशोक प्रकाशन मन्दिर, वाराणसी, १९९० (पृ. ११०) परवार जाति का इतिहास- प्रकाशक- परवार सभा, जबलपुर, १९९२ शंका-समाधान जयपुर (खानिया) तत्त्वचर्चा, पुस्तक १ - पं. टोडरमल ग्रन्थमाला, जयपुर, १९६७ (पृ. ३७५) जयपुर (खानिया) तत्त्वचर्चा, पुस्तक २- पं. टोडरमल ग्रन्थमाला, जयपुर, १९६७ (पृ. ४७१) संपादित/अनुवादित/व्याख्यायित ग्रन्थ १०. प्रमेय रत्नमाला - चौखम्बा संस्कृत सीरीज, बनारस, सन् १९२८ ११. आलाप-पद्धति - श्री सकल दि. जैन पंचान, नातेपुते (सोलापुर) सन् १९३४ १२. षट्खंडागम (धवला) - भाग १ - १६, जैन दर्शन के सिद्धान्त ग्रंथ, आकार २०x३० से.मी., लगभग ८००० पृष्ठ, प्राचीन ताड़पत्रीय पांडुलिपियों के आधार पर पहली बार प्रकाशित, सहसंपादन तथा ६ भागों का अनुवाद, जैन साहित्योद्धारक फंड, विदिशा तथा जैन संस्कृति संरक्षक संघ, शोलापुर द्वारा प्रकाशित, सन् १९३९-५९ तथा १९७३-१९९०, अनेक भागों के संशोधित संस्करण भी प्रकाशित १३. महाबंध - भाग २ - ७, जैन दर्शन के सिद्धांत ग्रन्थ, आकार २०x३० से. मी. लगभग ७. ८. जैनतत्त्वमीमांसा - अशोक प्रकाशन मंदिर, वाराणसी, १९६० (पृ. ३१५) संशोधित तथा परिवर्द्धित संस्करण, पृ. ४२२, अशोक प्रकाशन मंदिर, वाराणसी, ९. १९७८ वर्ण, जाति और धर्म - भारतीय ज्ञानपीठ, वाराणसी, १९६३, द्वितीय संस्करण, १९८९ (पृ. ४५५) जैनतत्त्व - समीक्षा का समाधान पं. टोडरमल स्मारक ट्रस्ट, जयपुर, १९८७ - Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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