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३० अगस्त - आचार्य श्री गश आ जाने से लेटे ही थे कि उनिंदी आँखों में भगवान देशभूषण और कुलभूषण के साक्षात् दर्शन हो गये।
३० अगस्त १९५५
आज जल ग्रहण नहीं करने का दूसरा दिन है। दोपहर में जनता को दर्शन दिये । गश आ जाने से महाराज लेट गये। स्वप्न में उन्हें मालूम हुआ कि श्री देशभूषण कुलभूषण उन्हें ऊपर बुला रहे हैं। दरवाजे के ऊपर जो छोटा मन्दिर है, उसमें यह घटना हुई।
३१ अगस्त - आचार्य श्री अभिषेक देखने के बाद सेठ चंदुलालजी सराफ के हाथों गन्धोदक लेते हुए।
३१ अगस्त १९५५ जल नहीं ग्रहण करने का आज तीसरा दिन है। दोनों समय उपस्थित जनता को दर्शन दिये और शुभाशीर्वाद दिया।
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