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१३ सितम्बर - आचार्य श्री के दर्शनों को लालायित जनसमूह को आज निराशा हाथ लगी।
१३ सितम्बर १९५५
कल बाहर के कमरे में आचार्य श्री ४-५ घंटे तक लेटे रहे, जिसके कारण आज काफी कष्ट रहा । नाड़ी की गति अत्यंत मंद होने पर भी सारा समय गुफा में आत्मध्यान में व्यतीत किया । आचार्य श्री की साधना में कोई विघ्न न हो, इसलिये देशभूषण कुलभूषण मंदिर भी दर्शनों के लिए बंद रहा । सागर के सेठ भगवानदासजी बीड़ी वाले और पं. मुन्नालालजी सामगौरया दर्शनार्थ पधारे थे । आचार्य श्री आज गुफा से बाहर नहीं आये, अत: जनता दर्शन लाभन कर सकी।
१४ सितम्बर - दर्शनार्थियों में से सुबह ७ से ९ तक महिलाओं ने क्रम से भगवान देशभूषण-कुलभूषण के दर्शन किये, पश्चात् पुरूषों ने ।
१४ सितम्बर १९५५ आज सल्लेखना का ३२ वां दिन और जल न ग्रहण करने को १० वां दिन हो जाने पर भी आचार्य श्री की आत्म साधना और ध्यान बराबर जारी रहा। आज दिन उस्मानाबाद के कलेक्टर सा. मय पुलिस अफसरान के आचार्य श्री के दर्शनार्थ पधारे थे । कमजोरी अधिक बढ़ जाने के कारण जनता को आज आचार्य श्री के दर्शन नहीं कराये गये।
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