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३ सितम्बर - आचार्य श्री के जलाहार का भव्य दृश्य।
३ सितम्बर १९५५
आज जल लिया। दोपहर में ५ मीनिट को आचार्य श्री बाहर आये और जनता को दर्शनों का पुण्य लाभ कराया। आज रा.ब. राजकुमारसिंह जी दर्शनार्थ पधारे । दोपहर में पं. जगन्मोहनजी शास्त्री कटनी, पं. मक्खनलाल जी शास्त्री मोरेना रा. ब. राजकुमारसिंह जी इन्दौर, पं. सुमेरुचंद्रजी दिवाकर आदि ने उपस्थित जनता को संबोधा।
४ सितम्बर - आचार्य श्री का अंतिम जलाहार। गणा
४सितम्बर १९५५ आज पूज्य श्री ने अंतिम जल ग्रहण किया, लेकिन अशक्ति बढ जाने के कारण बहुत थोड़ा जल लिया और बैठ गये। दोपहर में २|| बजे बहुत जोरों की वर्षा हुई, फिर भी आचार्य श्री के पुण्य दर्शनों के लिए जनता पानी में बराबर बैठी रही, तब आचार्य श्री ने २ मिनिट के लिये उपस्थित जनता को दर्शन दिये।
आज सेठ देवकुमारसिंह जी, इन्दौर सपत्नीक दर्शन हेतु पधारे और रा.सा.ला. नेमीचंदजी जलेसर सथा सेठ विधिचंदजी गंगवाल जयपुर, बम्बई से कार द्वारा दर्शन के लिए पधारे।
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