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पृष्ठ संख्या #. एकही गर्भमें स्त्री पुरुष नपुसक कैसे होते हैं, एक स्त्रीके दो । ९० ऐलक श्रावकको किस प्रकार भोजन करना चाहिये। १० बालक किस प्रकार होते हैं
। ९१ असंख्यात समुद्रोंमेंसे किन किन समुद्रों में जलचर ७४ इस मनुष्य के शरीरमें क्या-क्या पदार्थ है
जोव है और किनमें नहीं। ७५ तीर्थकर गृहस्थावस्थामें अवधिज्ञानको विचार या नहीं ९२ संसारी जोव एक अन्तमुहर्तमें उत्कृष्ट जन्म मरण ७६ क्या देवों में भी दुर्गति जातिके देव होते हैं।
कितने करता है। ७७ आत्माके तीन भेद कौनसे हैं।
९३ चौबीस तीर्थकरोंमसे बालब्रह्मचारी तीर्थकर कौन कौन हैं १०२ । ७८ जीवोंके भाव कौन कौन हैं और उनका स्वरूप क्या है।
५४ लवणोदधि, कालोदषि और स्वयंभरमण समुद्रका जल ७९ नारकी और सम्पूर्छन जीवोंके कौनसा लिंग होता है। ७७ सारा है बाकीफे समुद्रोंका जल केसा है। घृतोदधि क्षीरो. ८० शिशुपालने कृष्णको कौनसी सौ गालियां दी ।
दधिका स्वाद घी व दूधके समान है या ईखके समान १०३ ८१ ढाई द्वीपके विद्याधर और चारणऋविषारी मानुषोत्तर ९५ भवनत्रिक देव ऊपर कहाँ तक जाते हैं
१०४ पर्वतसे आगे क्यों नहीं जा सकते
७९ | १६ वासुपूज्य स्वामी चंपापुरसे मोक्ष पधारे या मंदारगिरि जब ये लोग मेरु पर्वतके शिक्षर सक निन्यानबे हजार | पर्वतसे । योषन तक चढ़ जाते हैं परन्तु सत्रहो इकईस योजन | ९७ पात्रदान कुपात्रदानका फल तो सुना है परन्तु लोभी को ऊंचा मानुषोत्तर क्यों नहीं पार किया जाता। ८० दिया हुआ दान कैसा। मुक्त ओक धर्मद्रव्यके अभाव से लोकके ऊपर नहीं जाते | ९८ दर्शन शान जोदका लक्षण है चारित्र किसका लक्षण है। १०१ परन्तु मानुषोत्तरके बाहर न जामे में क्या कारण है।
९९ इस पंचम काळमें मुनि कौनसे स्वर्ग तक खा सकते हैं) १०७ ८२ पुण्यका विशेष स्वरूप क्या है।
१.. मिष्यावृष्टियोंके बाझ चिन्ह कौन कौन हैं 1८३ दिव्रत और देशव्रतमें क्या अन्तर है।
१.१ सम्यग्दृष्टियोंके विशेष चिन्ह क्या हैं। ८४ हिंसाका त्याग और उसका ज्ञान किस प्रकार है
१०२ समवशरमके मानस्तंभादिककी ऊँचाईका प्रमाण ५ हिंसाका फल हीनाधिक क्यों होता है
क्या है।
१०८ ८६ असत्य भाषणके त्यागोको कौन-कौन कथन नहीं कहने । १०३ नियनिगोद और इतर निगोदमें क्या अन्तर है
१०३ क्या गंधोदक लगाकर हाथ धो डालना चाहिए ११ ८७ ब्रह्मचर्यको नौ बाढ़ और अठारह हजार भेद कौन । | १०५ कैसी प्रतिमा प्रतिष्ठा योग्य है फेसी नहीं है यदि प्रतिमा कौन ।
खंडित हो जाय तो उसकी पूजा स्तुतिका विषान किस। ८ भांग पीनेमें क्या दोष है
प्रकार है ८९ संसारी जोव मरकर कितनी देर बाद नया शरीर वा १.६ इस पंचम कालमें साक्षात् केवली नहीं हैं फिर उनको आहार ग्रहण कर लेते हैं
पूषा भक्ति किस प्रकार करनी चाहिए
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चाहिये।