Book Title: Bhagwati Sutra Part 17
Author(s): Ghasilal Maharaj
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
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भगवतीसूत्रे
६९८
कलिओगा तं समयं कउजुम्मा | णो इणट्टे समट्टे । ते पणं भंते! जीवा कहूं उववज्जंति ? गोयमा ! से जहानामए पवए पवमाणे एवं जहा उववायसर जाव नो परप्पओगेणं उववजंति । ते पणं भंते! जीवा किं आयजसेणं अववज्र्ज्जति आयअजसेणं उववज्जति ? गोयमा ! नो आयजसेणं उववज्जति आयअज
सेणं उववज्जति । जइ आयअजसेर्ण उववज्जंति किं आयजसं उवजीवंति आयअजलं उबजीवंति ? गोयमा ! नो आयजसं उवजीवंति, आयअजसं उवजीवंति। जह आयजसं उव जीवति किं सलेला अलेस्ता ? गोयमा ! सलेस्सा नो अलेस्सा। जइसलेस्सा किं तकिरिया अकिरिया ? गोयसा ! सकिरिया नो अकिरिया । जइ सकिरिया तेणेव भवगहणेणं सिज्झति, जाव अंतं करेंति ? जो इट्टे समट्टे । शहिजुम्म कडजुम्म असुरकुमाराणं भंते! कओ उचवज्जंति ? जहेब नेइया तहेव निरवसेसं । एवं जान पचिदियतिरिक्ख जोणिया । नवरं वणस्सइकाइया जाव असंखेज्जा वा अनंता वा उववज्जंति से एवं वेव । मस्सा वि एवं चैव जाब नो आयजसेणं उववज्जंति, आयअजलेणं उववज्र्जति । जड़ आयअजसेणं उबवज्जंति किं आयजसं उवजीवंति आयअजलं उवजीवंति ? गोयमा ! आयजसंपि उवजीवंति आयअजसंपि उपजीवति । जह आयजसं उवजविंति किं सस्ता अलेस्ता ? गोयमा ! सलेस्सा वि अलेस्सावि । जइ अलेल्सा किं सकिरिया अकिरिया ? गोयमा ! नो सकिरिया, अकिरिया । जइ अकिरिया तेणेव भवग्गहणणं सिज्झति जाव अंत करेंति ? हंता सिझंति जाव अंतं करेंति ।

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