________________
एक सहज प्रेरक व्यक्तित्व
३६ अनन्य सेवा की उससे लगभग अर्ध शताब्दी का प्रेरक व्यक्तित्व । उसके उत्साह प्रदान एवं सत्प्रेरणा दीर्घ काल परिव्याप्त है । माप का त्याग एवं से प्राज समाज में अनुसन्धित्सुत्रों को संख्या उत्सर्ग अनुकरणीय तथा अभिनन्दनीय है । बहुत कम वृद्धिगत होती जा रही है । वास्तविकता तो यह लोगों को यह पता है कि श्रवणबेलगोला में संस्थित है कि जैनेतर विद्वानों में जैन-साहित्य के अनुशीलन गोमटेश्वर बाहुबलि की विशाल प्रतिमा के जीर्णो• एवं अनुसन्धान की जो रुचि जागृत हुई उसका द्वार तथा दक्षिण भारत में स्थित जैन भण्डारों की अधिकांश श्रेय बाबूजी को था। वे सत्यनिष्ठ मूक ग्रन्थ-सूची तैयार कराने में बाबू छोटेलालजी का प्राराधक की भांति स्वसंचालित सूत्र से ज्ञान-विज्ञान विशेष योगदान था । साहित्यसेवी तथा पुरातत्त्ववेत्ता को प्राहुतियों का प्रक्षेपण करते रहे और उन्होंने के रूप में भी प्राप के कार्य उल्लेखनीय हैं । स्वयं फल प्राप्ति की कभी कामना तक नहीं की। ऐसे सफल व्यापारी रहते हुए भी प्रापने जो साहित्य- समाजसेवो बिरले ही होते हैं। भारतीय श्रमरण रचना की वह महत्त्वपूर्ण एवं गौरवास्पद है। संस्कृति की सुरक्षा के लिए आप ने समय समय पर समाज, राष्ट्र एवं साहित्य सेवा जैसे महत्त्वपूर्ण अपनी सूझ-बूझ से समाज की अमित सेवा की । कार्यों में पाप बराबर सहयोग देते रहे । इन सब इतना ही नहीं, विदेशों को जैन-साहित्य सम्बन्धी रूपों में बाबूजी का अपना व्यक्तित्व था-किसी में अमूल्य सूचनाएं एवं-साहित्य प्रेषित कर प्राप ने कम और किसी में अधिक । किसी में कोमल तो उन शोध-वेत्ताओं को भी प्रेरित कर अपने सहज किसी में कठोर । परन्तु इन सब से ऊपर उनका प्रेरक व्यक्तित्व को चरितार्थ किया । जिस ने अपनी सहज प्रेरक व्यक्तित्व ही मेरे अन्तर्मन पर अपनी सुरक्षा एवं प्रगति के चरणों को कई दिशामों में छाप छोड़ सका है और जो अमिट है।
गतिमान किया। ऐसे उदार व्यक्तित्व सम्पन्न व्यक्ति ___ जो भी स्नातक या विद्वान् बाबूजी के सम्पर्क को श्रद्धाञ्जलि अपंग करना प्रत्येक व्यक्ति का में पहुँचता वह उनसे प्रभावित हुए बिना नहीं कर्तव्य है । रहता । इसका एक मात्र कारण था उनका सहज
मैं दूसरों के दृष्टिकोण को भी उतना ही महत्व देता हूँ जितना कि अपने दृष्टिकोण को।
-सर हेनरी फोर्ड
हम इस प्रकार का जीवन व्यतीत करने का प्रयत्न करें कि हमारी मृत्यु के पश्चात् हमें दफनानेवाला भी दो बूंद आंसू बहा दे।
-पेट्रार्क