Book Title: Aspect of Jainology Part 2 Pandita Bechardas Doshi
Author(s): M A Dhaky, Sagarmal Jain
Publisher: Parshwanath Vidyapith
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: श्री रैवतगिरितीर्थ स्तोत्रम् ( नागरी ) २४. पं० बाबुभाई सवचन्द शाह : श्री विजयचन्द्रसूरिविरचित "श्री रैवताचल
चैत्यपरिपाटी स्तवन"
श्री रैवताचलचैत्यपरिपाटीस्तवनम् ( नागरी) . १२० २५. स्व० अगरचन्द नाहटा :जयतिलकसरि विरचित "श्री गिरनार चैत्य प्रवाडी"
मधुसूदन ढांकी २६. विधात्री वोरा : गिरनार चेत्तप्रवाडि
१२८ २७. मधुसूदन ढांकी, : श्री गिरनार चेत्त परिवाडी विधात्री वोरा
१३३ २८. विधात्री वोरा : गिरनार चैत्य प्रवाडि विनति
१४१ २९. विधात्री वोरा : अज्ञातकर्तृक "नेमिनाथ भास" ३०. कनुभाई ७० शेठ : कवि केशवकृत नेमिनाथ फाग
१५० ३१. विधात्री वोरा : अज्ञात कर्तृक "श्री गिरनार चैत्य परिपाटी रास" १६७ ३२. स्व० अगरचन्द नाहटा : रंगसारकृत "गिरनार चैत्यपरिपाटी"
पं० बाबुभाई सवचन्द शाह ३३. मधुसूदन ढांकी : कर्णसिंहकृत गिरनारस्थ "खरतरवसही"-गीत
१७५ ३४. लक्ष्मणभाई भोजक : जूनागढनी अम्बिकादेवीनी धातुप्रतिमानो लेख
१७९ ३५. लक्ष्मणभाई भोजक : उज्ज्यन्तगिरिनो एक खण्डित अप्रकाशित प्रशस्तिलेख ३६. मधुसूदन ढांकी, : उज्ज्यन्तगिरिना केटलाक अप्रकट उत्कीर्ण लेखो
लक्ष्मण भोजक ३७. मधुसूदन ढांकी, : उज्ज्यन्तगिरिना पूर्व प्रकाशित अभिलेखो विषे लक्ष्मण भोजक
१९२ ३८. मधुसूदन ढांकी : उज्ज्यन्तगिरिनी खरतर-वसही
२१२ ३९. मधुसूदन ढांको : गिरनारस्थ “कुमारविहार"नी समस्या
२२३ ४०. मुनि शोलचन्द्र विजय : “पालिताणा-कल्पसूत्र"नी जैन चित्रकला पर विशेष प्रकाश२२७
HINDI SECTION १. के० आर० चन्द्र : आचारांग के प्रथम श्रुतस्कन्ध में स्वीकृत कुछ पाठों की
समीक्षा २. सागरमल जैन : रामपुत्त या रामगुत्त : सूत्रकृताङ्ग के सन्दर्भ में
मधुसूदन ढांकी ३. कानजी भाई पटेल : जैन दार्शनिक साहित्य में ज्ञान और प्रमाण के समन्वय
का प्रश्न ४. भिखारी राम यादव जैन सप्तभङ्गी : आधुनिक तर्कशास्त्र के सन्दर्भ में ५. भागचन्द जैन भास्कर : जैन एवं बौद्ध तत्त्वमीमांसा : एक तुलनात्मक अध्ययन ६. मधुसूदन ढांकी : श्वेताम्बर जैन साहित्य की कुछ अनुपलब्ध रचनायें
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