Book Title: Arhat Vachan 2002 10
Author(s): Anupam Jain
Publisher: Kundkund Gyanpith Indore

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Page 79
________________ सराक क्षेत्र की लोककला चित्र शैली, संयोजन अनूठा है रंग विधान शैली आदि का विवेचन प्रमुख प्रतीकों, अभिप्रायों के अर्थ उनके अंकनों पर मैंने प्रकाश डाला है। सराक लोकशैली का प्रत्येक चित्र जैन धार्मिक भावना से ओतप्रोत रहता है यह एक मुख्य विशेषता है। सराक प्रजाति के लोक चित्रांकन विषय पर एक स्वतंत्र रूप से शोध प्रबन्ध लिखा जा सकता है। सराक विरासत, पुरातत्व इतिहास, सामजिक आर्थिक स्वरूपों पर पृथक - पृथक शोध की महती संभावनाएं हैं। आवश्यकता संदर्भो के उजागर करने की है। सन्दर्भ 1. Folk Miniature Paintings of Samthal, Dr. P. Chandra, Colarado (U.S.A.) Jain Inflence on Folk Art, Dr. P. Chandra. 3. एन्थ्रोपोलीक जनरल, Dec. 84, P. 154. सराक चित्रकला के कतिपय नमूने M 92291334 OJP HARE अर्हत् वचन, 14 (4), 2002 75 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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