Book Title: Arhat Vachan 2002 10
Author(s): Anupam Jain
Publisher: Kundkund Gyanpith Indore

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Page 107
________________ संक्षिप्त आख्या अर्हत् वचन ) जैन श्रावकाचार पर राष्ट्रीय विद्वत् संगोष्ठी कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ, इन्दौर, __ चारबाग - लखनऊ, 15 - 16 अगस्त 2002 डॉ. विजयकुमार जैन* दिगम्बर जैन चातुर्मास समिति एवं साधु संत सेवा समिति, चारबाग, लखनऊ द्वारा आयोजित श्रावकाचार संगोष्ठी लखनऊ में 15 एवं 16 अगस्त 2002 को सम्पन्न हुई। पूज्य मुनि 108 श्री सौरभसागरजी एवं पूज्य मुनि 108 श्री प्रबलसागरजी महाराज के सान्निध्य में आयोजित इस संगोष्ठी में जैन श्रावकाचार का परिचय, विभिन्न श्रावकाचार, वर्तमान में श्रावकाचारों की प्रासंगिकता तथा अपेक्षित सुधारों पर भी विचार किया गया। चारबाग दि. जैन कागजी धर्मशाला परिसर में आयोजित इस संगोष्ठी में जैन समाज के श्रावक - श्राविकाओं ने भाग लिया एवं अपनी शंकायें रखीं। गहन विचार - विमर्श के बाद यही पाया गया कि वर्तमान सन्दर्भो में भी श्रावकों को अपनी शिक्षाओं में सुदृढ़ रहना चाहिये तथा गृहस्थों की समस्याओं के समाधान के लिये इसी तरह की और भी संगोष्ठी होती रहना चाहिये। संगोष्ठी का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है - प्रथम सत्र, 15 अगस्त 2002, प्रात: 8 से 10.30 अध्यक्ष - पं. शिवचरनलाल जैन, मैनपुरी मंगलाचरण - श्रीमती आशा रानी जैन, लखनऊ संयोजन - डॉ. विजयकुमार जैन, लखनऊ विषय प्रवर्तन - प्रो. वृषभप्रसाद जैन, लखनऊ पत्र प्रस्तुति - डॉ. कमलेशकुमार जैन, वाराणसी, विभिन्न श्रावकाचारों में प्रतिपादित अष्ट मूलगुण द्वितीय सत्र, 15 अगस्त 2002, मध्यान्ह 2 से 5 अध्यक्ष - डॉ. रमेशचन्द्र जैन, बिजनौर मंगलाचरण - श्रीमती मैत्री जैन, लखनऊ संयोजन -- डॉ, वृषभप्रसाद जैन, लखनऊ पत्र प्रस्तुति - 1. डॉ. फूलचन्द्र 'प्रेमी', वाराणसी, जैन श्रावकाचार विषयक साहित्य 2. डॉ. नीलम जैन, गाजियाबाद, भारतीय संस्कृति में श्राविकाओं का योगदान 3. श्रीमती गीता दुबे, तिरूक्कुरल काव्य में गृहस्थों के नियम 4. श्रीमती राका जैन, पन्ना, आदिपुराण में प्रतिपादित श्रावकधर्म एवं संस्कार 5. श्री कैलाशचन्द्र जैन सर्राफ, लखनऊ, पंचाणुव्रत 6. डॉ. शैलेन्द्र रस्तोगी, लखनऊ, तीर्थंकर प्रतिमाओं की चरणचौकी पर अंकित पूजन के दृश्य तृतीय सत्र, 16 अगस्त 2002, प्रात: 8 से 10.30 अध्यक्ष - डॉ. कमलेशकुमार जैन, वाराणसी मंगलाचरण- श्रीमती त्रिशला जैन, लखनऊ संयोजन - डॉ. नीलम जैन, गाजियाबाद पत्र प्रस्तुति- 1. डॉ. शीतलचन्द्र जैन, जयपुर, जैन व्रत एवं पर्यों का वैज्ञानिक अध्ययन 2. डॉ. श्रेयासकुमार जैन, बड़ौत, श्रावकाचार और सम्यक्त्व 3. पं. निहालचन्द्र जैन, बीना, श्रावक : प्रतिमा विज्ञान 4. पं. शिवचरनलाल जैन, मैनपुरी, जैनत्व : अपेक्षित आचार - विचार 5. डॉ. विजयकुमार जैन, जैन एवं बौद्ध परम्परा में आचार विषयक विवेचन प्रत्येक सत्र में मुनिद्वय के उद्बोधन, जिनवाणी स्तुति भी सम्पन्न हुई। * 5/779, विराम खंड, गोमती नगर, लखनऊ-226010 अर्हत् वचन, 14 (4), 2002 103 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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